धर्म डेस्क: आज का दिन कई मायनों में खास है, आज माघ कृष्ण पक्ष की वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी है। हर माह के दोनों पक्षों की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। किसी भी माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।
वैसे तो भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र और कोंकण के कुछ इलाकों में माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को भी गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है। माघ शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तिल और कुन्द के पुष्प से भगवान श्री गणेश की पूजा का विधान है। अतः आज हम भगवान गणेश से जुड़े कुछ खास उपायों को करके आपको उनके प्रिय बन सकते है।
तरक्की के लिए
इस दिन गणेश पूजा से पहले एक लोटा जल लें और उसमें थोड़े-से सफेद तिल और सफेद फूल डालें। अब दूर्वा की गांठ लेकर, उस तिल और पुष्प मिले हुए जल से पूरे घर में छींटे मारें और बचे हुए जल को किसी भी फूल वाले पौधे में डाल दें। इसके बाद भगवान गणेश की विधिपूर्वक पूजा करें और तिल में पिसी हुई शक्कर मिलाकर भगवान को भोग लगाएं। कभी भी भोग लगाने के बाद उसे रखना नहीं चाहिए। इसलिए उस भोग को सबमें बांट दें। ऐसा करने से आपके घर के सभी सदस्यों की लगातार तरक्की होती रहेगी।
सफलता के लिए
किसी काम में आपको सफलता तो मिल जाती है, लेकिन वह लंबे समय तक आपके लिये फायदेमंद नहीं होती, तो किसी महत्वपूर्ण काम में अपनी सफलता को सुनिश्चित करने के साथ ही उसे लंबे समय तक बरकरार रखने के लिए आज के दिन तिल में पिसी हुई शक्कर और घी मिलाकर लड्डू बनाएं और उन तिल के लड्डू को भगवान गणेश को भोग लगाएं , बाद में बच्चों और ब्राह्मणों के घर दान दे दें। आपकी सफलता बरकरार रहेगी।
अगली स्लाइड में पढ़ें और उपायों के बारें में