धर्म डेस्क: भारत में साल भर में हिंदू धर्म में कई तरह के बड़े त्यौहार मनाए जाते है। इन्ही त्यौहारों में गणेश चतुर्थी भी है। गणेश चतुर्थी भाद्र पद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। इस बार यह शुक्रवार, 25 अगस्त को पड़ रही है।
इस त्योहार को इतने धूम-धाम से मनाने का कारण है इस दिन गणेश जी का जन्म दिन। इस दिन महिलाएं अपनें पुत्र के लिए व्रत रखती है। इस बार श्री गणेश का घर आगमन बहुत ही शुभ है। इस बार गणेश चतुर्थी को बहुत ही शुभ संयोग लग रहा है। इसके साथ ही इस बार गणेशोत्सव 10 दिन का न होकर 11 दिन का होगा। जानिए पूजा विधि, कथा और शुभ मुहूर्त के बारें में पूर्ण जानकारी।
शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणपति पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 6 मिनट से शुरु होकर दोपहर बाद 1 बजकर 39 मिनट तक है. पौराणिक प्रमाणों के अनुसार, गजानन श्री गणेश का जन्म दिन के मध्याह्न में हुआ था। इसलिए आप श्री गणेश की पूजा लगभग 2 घंटे 33 मिनट में कर सकते है।
पूजा विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें। इनका स्मरण कर व्रत रखने की प्रतिज्ञा लें। इसके बाद दोपहर के समय अपनी इच्छनुसार सोने, चांदी, बालू, मिट्टी या गोबर की प्रतिमा उसकी पूजा करें। पूजन के समय मूर्ति पर सिंदूर लगाएं फिर दूर्वा की 11 जोड़ा चढ़ाए और इन दस नामों को लें-
ऊं गणाधिपाय नमः
ऊं उमापुत्राय नमः
ऊं विघ्ननाशनाय नमः
ऊं विनायकाय नमः
ऊं ईशपुत्राय नमः
ऊं सर्वसिद्धिप्रदाय नमः
ऊं एकदन्ताय नमः
ऊं इभवक्त्राय नमः
ऊं मूषकवाहनाय नमः
ऊं कुमारगुरवे नमः
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