धर्म डेस्क: हिंदू कैलेंडर के अनुसार प्रत्येक चन्द्र मास में दो चतुर्थी होती हैं. पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। इसका बहुत ही अधिक महत्व होता है। इस साल 2018 में माघ संकष्टी चतुर्थी 5 जनवरी को है। इस दिन व्रत करना भी महत्वपूर्ण रहता है। माघ मास की चतुर्थी तिथि को संकष्ठी चतुर्थी कहा जाता है। इसे और भी नामों से जाना जाता है जैसे कि तिल चतुर्थी, माघी चतुर्थी, माघ संकष्टी चतुर्थी, तिल चौथ या संकट चौथ। यूं तो पूरे साल में हर महीने चतुर्थी आती है लेकिन पूरे साल के दौरान माघ संकष्टी चतुर्थी सबसे बड़ी मानी जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सुख समृद्धि और सौभाग्य पाया जा सकता है।
संकष्टी चतुर्थी के दिन श्री गणेश की पूजा करने से लाभकारी होता है। इस दिन पूजन करने से धन-संपत्ति की की प्राप्ति होगी। इसके साथ ही किसी भी तरह की बीमारी हो। उससे मुक्ति मिल जाती है। शाम के समय संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा सुननी चाहिए। रात के समय चन्द्रोदय होने पर गणेश जी का पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए।
संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान के साथ पूजा करने से हर मनोकामना पूर्ण होती है। जानिए इसकी पूजा-विधि के बारें में।
पूजन विधि
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर भगवान गणेश की स्मरण करें। इस दिन व्रत रखें और हो सके तो लाल रंग के कपड़े पहने। श्रीगणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व अथवा उत्तर दिशा की ओर रखें। तत्पश्चात स्वच्छ आसन पर बैठकर भगवान गणेश का पूजन करें। फल, फूल, रौली, मौली, अक्षत, पंचामृत आदि से श्रीगणेश को स्नान कराके विधिवत तरीके से पूजा करें।
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