सोमवार का दिन व हस्त नक्षत्र है। आज वैनायकी गणेश चतुर्थी है। यूं तो हर महीने वैनायकी गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है लेकिन भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी बेहद विशेष है क्योंकि इससे 10 दिनों तक चलने वाले गणेशोत्सव की शुरूआत हो जाती है। ये पर्व चतुर्थी से शुरू होकर चतुर्दशी तक चलता है। यानि इस बार ये पर्व 2 सितंबर से शुरू होकर 12 सितंबर तक चलेगा। जब भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश पूजन होता है तो उसे शिवा तिथि कहा जाता है। यानि ये तिथि शिव से भी जुड़ी है। वहीं शिव मंगल करने वाले, शुभ, सौभाग्यसूचक हैं लिहाज़ा आज का दिन बेहद शुभ, मंगल व सौभाग्य में बढो़तरी करने वाला है।
इस पर्व के पहले दिन गणपति की स्थापना अपने घर में की जाती है। और आखिरी दिन यानि चतुर्दशी पर पूरे आदर-सम्मान के साथ गणपति को विदा कर उनका विसर्जन किया जाता है। यानि आज श्रद्धालु गणपति को अपने घर लेकर आएंगे।
गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त
आज सुबह 07 बजकर 34 मिनट से राहुकाल शुरू हो चुका है जो 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगा। यानि ये ठीक समय नहीं है। राहुकाल में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता। अब गणपति स्थापना का शुभ समय आपको बताते हैं। राहुकाल के ठीक बाद सुबह 09 बजकर 10 मिनट से लेकर 10 बजकर 45 मिनट तक गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा दोपहर 02 बजे से रात 08 बजकर 06 मिनट तक का समय भी शुभ है आप इस टाइम ड्यूरेशन के दौरान कभी भी गणपति की स्थापना कर सकते हैं।
इस कारण लगता है कलंक
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज चंद्र दर्शन निषेध है, आज चंद्र दर्शन करने से कलंक लगता है। ऐसी मान्यता है कि अगर भाद्रपद शुक्ल की गणेश चतुर्थी पर कोई
चांद को देख लेता है तो उस पर चोरी इत्यादि का झूठा आरोप लग सकता है। वहीं इस दिन कई जगहों पर एक दूसरे की छत पर पत्थर फेंकने की परंपरा है इसीलिए इस दिन को पत्थर चौथ भी कहा जाता है।
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