धर्म डेस्क: आज गणेश चर्तुथी थी। जिसके साथ ही घर पर गणेश जी का आगमन हो गया है और 5 सिंतबर तक यह स्थापित रहेंगे। शास्त्रों में माना जाता है कि घर में विराजित श्री गणेश में आलौकिक शक्ति होती है। इन दिनों में विधि-विधान के साथ श्री गणेश की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। साथ ही गणपति की आपके ऊपर कृपा बनी रहती है। (गणेश चतुर्थी 2017: राशिनुसार ऐसे करें गणपति की पूजा, मिलेगा दोगुना फल)
आज शुक्ल पक्ष में शुभ योग है। दिया गया और पाया गया मंत्र सिद्धि देने वाला होता है। ऐसे उत्तम समय में आप इन 8 मंत्रों का पाठ करें। इनसे आपको लाभ मिलेगा। इन मंत्रों का जाप करने से आपको सभी कामों में सफलता, किसी को वश में करना, लव लाइफ की सारी अड़चने, नौकरी में तरक्की आदि मिलेगी। जानिए इन मंत्रों के बारें में।
शक्तिविनायक गणपति
"ऊं ह्रीं ग्रीं ह्रीं"
ये चार अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 4 लाख है। इस गणपति की साधना से खेल में, राजनीति में सफलता मिलती है। (भूलकर भी बिना नहाएं न करें ये काम, हो सकता है नुकसान)
'वक्र तुण्डाय हुं।'
ये छः अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 6 लाख जप है। इस गणपति की साधना से मुसीबतों से छुटकारा मिलता है।
'मेधोल्काय स्वाहा'
ये भी छः अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 6 लाख जप है। विद्या प्राप्ति के लिए इन गणपति की साधना करनी चाहिए।
'गं गणपतये नमः'
ये आठ अक्षर का मंत्र है। इसका पुरस्चरण 8 लाख जप है। सफलता के लिये इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र- "हस्तिपिशचिलिखे स्वाहा"
यह वाम मार्गिय गणपति साधना का मंत्र है। इसकी जप संख्या एक लाख है। 12 अक्षर का उच्छिष्ट गणपति नवार्ण मंत्र ही बताया गया है। इससे प्यार, पैसा और शोहरत सब कुछ मिलता है।
मंत्रमहोद्धि में कहा है-
"ऊं ह्रीं गं हस्तिपिशाचिलिखे स्वाहा"
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