शर्म या लज्जा
शर्म को महिलाओं की वस्त्र कहा गया है। इसी तरह हर व्यक्ति को अपने जीवन में लज्जा करनी चाहिए। नही तो आप बेशर्म बन जाएगें। जिसके कारण आप कुछ ऐसा काम कर सकते है। जिससे आपके साथ-साथ आपके परिवार को भी शर्मिंदा होना पडेगा। लज्जा ही व्यक्ति को सही और गलत में फर्क करना सिखाती है। व्यक्ति को अपने मन में लज्जा का भाव निश्चित ही रखना चाहिए।
सद्बुद्धि
अगर आपके पास दिमाग हो तो आपको सही और गलत की पहचान होती है। जिसके अनुसार आप अपने पैरों में खड़ा होकर सफलता पा सकते हो। किसी भी व्यक्ति को अच्छा या बुरा उसकी बुद्धि ही बनाती है। अगर आप अच्छा सोचते है तो आप जरुर सफल होते है। अच्छा सोचने वाला व्यक्ति धर्म का पालन करने वाला होता है और उसकी बुद्धि कभी गलत कामों की ओर नहीं जाती।
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