धर्म डेस्क: आज पौष शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि और गुरुवार का दिन है। इसके साथ ही आज वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी व्रत है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। हमारी संस्कृति में गणेश जी को प्रथम पूजनीय का दर्जा दिया गया है।
किसी भी देवी-देवता की पूजा से पहले भगवान श्री गणेश की पूजा का ही विधान है और आज तो स्वयं गणपति जी का ही दिन है। श्री गणेश को चतुर्थी तिथि का अधिष्ठाता माना गया है। इन्हें बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। गणेश जी की उपासना शीघ्र फलदायी मानी जाती है।
गणेश चतुर्थी पूजन विधि
जनवरी में ये चतुर्थी 10 जनवरी, गुरुवार को है। विनायक चतुर्थी पर पूजा का विशेष मुहूर्त सुबह 11:26 से दोपहर 1:30 तक का है।
ऐसे करें गणेश पूजन
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबी कामों से निवृत्त होकर स्नान करें और यदि संभव हो तो लाल रंग के वस्त्र धारण करें। भगवान को प्रणाम करें और उनके व्रत और पूजा का संकल्प करें। इसके बाद दोपहर पूजन करें और सामर्थ्य के अनुसार सोने, चांदी, पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से निर्मित गणेश जी प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद षोडशोपचार पूजन कर श्री गणेश की आरती करें। आरती के बाद गणपति की मूर्ति पर सिन्दूर चढ़ाएं। फिर 'ॐ गं गणपतयै नम: मंत्र का जाप करते हुए 21 दूर्वा दल अर्पित करें। अंत में गणेश जी को बूंदी के 21 लड्डुओं का भोग लगाएं। इन्हीं में से 5 लड्डू ब्राह्मण को दान दें। इसके साथ ही 5 श्री गणेश के चरणों में रखें, शेष को प्रसाद स्वरूप बांटें।