कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल मुंबई के लालबगाचा राजा महोत्सव आयोजित न करने का फैसला किया गया है। इसके बजाय इसी जगह पर 11 दिन तक प्लाज्मा डोनेशन कैम्प लगाए जाएंगे। 86 सालों में पहली बार ऐसा हो रहा है जब लालबाग के राजा गणेशजी की प्रतिमा की स्थापना नही की जाएगी।
मुंबई में लगभग हर व्यक्ति महोत्सव के दौरान बस गणपति के रंग में रंगा रहता है। फिर चाहे वो बॉलीवुड स्टार हो या फिर क्रिकेट स्टार कोई भी अछूता नहीं रहता है। गणेश चतुर्थी के दिन लालबाग के राजा के दर्शनों के लिए सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगती हैं।
इस साल गणेशोत्सव में होगा कुछ खास
लाल बाग के गणपति मंडल ने तय किया है कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मंडल मुख्यमंत्री निधि को 25 लाख का डोनेशन देगा। कोरोन काल में सेवा के दौरान मारे गए पुलिसवालों के परिजनों को भी सम्मानित किया जाएगा। गलवान में शहीद हुए सैनिकों के परिवार वालो का भी गणेशोत्सव के दौरान सम्मान किया जायेगा
गणेशोत्सव के 11 दिन के दौरान लाल बाग गणपति मंडल प्लाज्मा डोनेशन कैम्प लगाएगा। इन कैंपों में जरूरतमंद कोरोना पीड़ितों को प्लाजमा दान किया जाएगा ताकि वो स्वस्थ हो सकें। ऐसा परोपकारी काम करके लाल बागजा गणपति मंडल एक ऐसा पुण्य काम कर रहा है जिससे खुद गणपति भी खुश हो जाएंगे।
लाल बागचा राजा महोत्सव का महत्व
मुंबई में गणेशोत्सव के दौरान सबसे प्रसिद्ध और मनोकामना पूर्ति के लिए मशहूर लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में हुई थी। यह पंडाल मुंबई के लालबाग, परेल इलाके लगाया जाता है।
लाल बागचा सिर्फ भक्तों के दर्शन और मनोकामना पूर्ति का पुण्य काम नहीं करता। हर साल पंडाल की थीम जनकल्याणकारी काम पर होती है। लाल बाग के राजा कभी सिपाही बन जाते हैं तो कभी डाक्टर। कभी उनकी मूर्ति रेलवे के टीटी की होती है तो कभी सैनिक की।
इनपुट राजेश कुमार