हेनरी फोर्ड अकसर कहा करते थे कि अगर आपको किसी काम में सफलता नहीं मिल रही है, तो इतने निराश न हों कि उस काम को बीच में ही बंद कर दें। ऐसे में तो आप उस काम को कभी कर ही नहीं पाएंगे। आपको चाहिए कि जिस काम को एक बार शुरू कर दिया, उसे तब तक करते चले जाएं, जब तक कि आप सफल नहीं हो जाते। वह कहा करते थे कि असफलता तो दरअसल आपको मौका देती है कि आप उसी काम को फिर से और पहले से भी ज़्यादा समझादारी से करें। अपनी इस सीख को उन्होंने खुद अपने जीवन में उतारा और अमेरिका की सबसे लोकप्रिय कार का निर्माण किया।
दुनिया के सबसे अमीर लोगों में होती थी गिनती
फोर्ड कंपनी के मालिक और अपने वक्त में दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल हेनरी फोर्ड का जन्म 30 जुलाई 1863 को अमेरिका में हुआ था। उन्हें असेम्बली लाइन तकनीक की खोज करने के लिए भी जाना जाता है। उनकी कंपनी ने मॉडल टी नाम की गाड़ी बनाई, जिससे आटोमोबाइल की दुनिया में क्रांति आ गई। दरअसल इनकी कम कीमत की वजह से मोबाइल टी को मध्यम वर्ग के लोग भी खरीद सकते थे।
अपनी संपत्ति का बड़ा हिस्सा फोर्ड फाउंडेशन को दिया
हेनरी फोर्ड की नौकरी 1890 में डिट्रॉइट एडिसन इलेक्ट्रिक कंपनी में लगी और उन्होंने कड़ी मेहनत करके 1893 में पेट्रोल से चलनेवाली 4 हॉर्स-पॉवर का पहला वाहन बनाया, जिसकी स्पीड 25 मील प्रति घंटे की थी। बाद में 1903 में हेनरी फोर्ड ने अपनी कंपनी फोर्ड मोटर कंपनी की स्थापना की, जो आज भी कार बनाने वाली दुनिया की एक प्रमुख कंपनी है। हेनरी फोर्ड ने अपनी संपत्ति का ज़्यादातर हिस्सा फोर्ड फाउंडेशन को दे दिया। आज भी फोर्ड फाउंडेशन हेनरी फोर्ड के परिवार के ही अधिकार में है। फोर्ड ने अमेरिका के कुल 161 पेटेंट भी हासिल किए थे।
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