आचार्य चाणक्य ने दुनिया भर को अपने गूढ़ अनुभव और ज्ञान के आधार पर ऐसी तमाम बातें बताई हैं, जिन्हें मानकर आज भी लोग अपना फायदा कर सकते हैं। धर्मनीती और कूटनीति के प्रकांड ज्ञाता कौटिल्य यानी चाणक्य ने राजनीति के इतर भी आम व्यवहार, मानवीय स्वभाव और समय की अनुकूलता और प्रतिकूलता के संदर्भ में ऐसी बातें कहीं हैं जो काफी हद तक सच जान पड़ती हैं।
हम अगर आचार्य चाणक्य की चुनिंदा बातों का अनुकरण भर कर लें तो अपना भला कर सकते हैं। जानिए आचार्य चाणाक्य ने हमें किन कामों को न करने की सलाह दी है। नहीं तो आपके जीवन के ऊपर संकट आ सकता है।
जिंदगीभर ध्यान रखें बस ये 3 बातें, कभी भी नहीं आएगा आपका बुरा वक्त
श्लोक-
आत्पद्वेषाद् भवेन्मृत्यु: परद्वेषाद् धनक्षय:।
राजद्वेषाद् भवेन्नाशो ब्रह्मद्वेषाद कुलक्षय:।।
किसी राजा या उसके प्रशासन के बैर न करें
हमें किसी भी राजा या उसके प्रशासन से सीधे बैर नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से हम किसी बड़ी मुश्किल या फिर प्राण संकट में पड़ सकते हैं। क्योंकि राजा का विरोध करने का सीधा मतलब होता है कि आप सीधे सीधे मौत को दावत दे रह हैं, इसलिए ऐसा करने से हमें बचना चाहिए। इसीतरह प्रसाशन के लोगों से भी किसी तरह की शत्रुता नहीं करना चाहिए, क्योंकि वह राजा के सबसे नजदीकी होते हैं।
खुद की आत्मा से भी ना करें शत्रुता
कोई व्यक्ति अगर खुद की आत्मा से द्वेष करता है। जैसे वो अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखता है, या उसके प्रति सचेत नहीं रहता है, हमेशा खान-पान को लेकर असावधानी बरतता है तो वो हमेशा मृत्यु के निकट रहता है। शास्त्र कहते हैं कि मनुष्य ही खुद का सबसे बड़ा मित्र और शत्रु होता है इसलिए हमें हमेशा अपने शरीर का ख्याल रखना चाहिए। जिससे आरप हर तरह के रोगों से कोसों दूर रह सके।
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बलवान व्यक्ति से हमेशा संबंध मधुर रखें
हमें अपने से बलवान व्यक्ति से नहीं टकराना चाहिए, फिर वो चाहे पैसे से बलवान हो या फिर शरीर से। हमें हमेशा अपने से बलवान व्यक्ति से मधुर संबंध बनाए रखने चाहिए , क्योंकि ऐसे व्यक्ति से दुश्मनी मोल लेने का सीधा मतलब होता है मौत को न्यौता देना। वह व्यक्ति आपका सुख-चैन हर एक चीज छिन या फिर नष्ट कर सकता है।