नई दिल्ली: पीएनबी बैंक के घपले के बाद हीरे के व्यापार का बाजार गर्म है। इस बीच खबर यह भी आ रही है कि नकली हीरे की बिक्री भी खूब हो रही है। ऐसे में जो लोग डायमंड के शौकीन है उन्हें अलर्ट किया गया है कि डामंड की खरीददारी करते वक्त थोड़ा ध्यान दें। आपको बताते हैं कि कैसे असली और नकली में डायमंड में आसानी से फर्क कर सकते हैं।
तनिष्क के बिजनेस मैनेजर मुनीश कुमार का कहना है कि डायमंड ज्वेलरी खरीदते वक्त 4 सी यानी कट, क्लैरिटी, कैरेट, कलर का ध्यान रखें और ऑथेंटिसिटी सर्टिफिकेट ज़रूर जांचे। इस सर्टिफइकेट पर स्टैम्प और हस्ताक्षर जरूर होने चाहिए। आईआईजी और जीआईए सर्टिफिकेट का महत्व है। बिना बिल के कभी भी ज्वेलरी न लें।
डायमंड की विश्वसनीयता की जांच करा सकते हैं। आईआईजी, जीआईए या सरकारी लैब में इसका टेस्ट मुमकिन है। ऑनलाइन ज्वेलरी खरीदते वक्त भी सर्टिफिकेट और कीमत पर ध्यान दें। इसके लिए आपको हीरे को मुंह के सामने लाना है और भाप निकालनी है जैसे आप कभी कभी अपने चश्में के ग्लास को साफ करने के लिए करते हैं। अगर हीरे पर भाप जमे तो समझ लीजिए वो नकली है और यदि भाप माइश्चर में बदल जाये तो मान लीजिये कि आप असली हीरे के मालिक हैं।
हीरे के कोणों से आरपार देखिए अगर इंद्रधनुष की तरह अलग अलग रंग दिखाई दें तो हीरा असली है, पर अगर कोई रंग ना दिखे और केवल सफेदी दिखे तो समझ लीजिए आप नकली पत्थर थामे हुए हैं। हीरे को पानी में डालिए अगर डूब जाये तो असली और तैरने लगे तो नकली।पत्थर को एक पानी के गिलास में डालें और देखें कि क्या वह नीचे डूबता है: अपने उच्च घनत्व की वजह से, एक असली हीरा डूब जाएगा । एक नकली हीरा सतह के शीर्ष पर या गिलास के मध्य में तैरेगा।