नवरात्र 2019: बंगाल समेत पूरे देश में दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है। चारों तरफ भव्य पंडाल, पूजा की पवित्रता, सिंदूर खेला, धुनुची नाच जैसे नज़ारे देखने को मिल रहे हैं। बता दें कि आज नवरात्रि का सातवां दिन है। आचार्य इंदु प्रकाश के मुताबिक सप्तमी तिथि 04 अक्टूबर की सुबह 09 बजकर 36 मिनट से शुरू हो चुकी है और 5 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 51 मिनट तक रहेगी।
पुष्पांजलि का शुभ समय
षष्ठी तिथि में दुर्गा मां के पंडाल सज गए हैं और अब पुष्पांजलि का समय है। सप्तमी के सांयकाल के दौरान आप मां दुर्गा को पुष्पांजलि अर्पित कर सकते हैं। इसके साथ ही दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा की जायेगी। मां कालरात्रि को शुंभकरी के नाम से भी जाना जाता है।
अष्टमी को सुबह 10.30 से लेकर 11.18 बजे तक संधि पूजा के दौरान मां दुर्गा को पुष्पांजलि अर्पित की जाएगी। इस दौरान पंडाल में 108 दीपक औऱ देवी के चरणों में 108 ही कमल के फूल अर्पित किए जाएंगे। इसके साथ ही देवी को बिल्व पत्र भी चढ़ाए जाते हैं।
अष्टमी पुष्पांजलि
नवरात्रि में पुष्पांजलि का अपना एक खास महत्व है। 8वें दिन अष्टमी की सुबह खास पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद ही महागौरी की विधिवत पूजा की जाएगी। इस दिन सभी लोग मां दुर्गा को फूल अर्पित करते हैं। बंगालियों के साथ साथ हर पंडाल में सप्तमी की रात और अष्टमी की सुबह पुष्पांजलि का नियम है औऱ बंगाली इसे बड़े चाव के साथ करते हैं।पुष्पांजलि मंत्र
ॐ जयन्ती, मङ्गला, काली, भद्रकाली, कपालिनी।
दुर्गा, शिवा, क्षमा, धात्री, स्वाहा, स्वधा नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
ॐ महिषघ्नी महामाये चामुण्डे मुण्डमालिनी।
आयुरारोग्यविजयं देहि देवि! नमोऽस्तु ते॥
एष सचन्दन गन्ध पुष्प बिल्व पत्राञ्जली ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः॥
ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोऽस्तु ते॥१॥
सृष्टि स्थिति विनाशानां शक्तिभूते सनातनि!।
गुणाश्रये गुणमये नारायणि! नमोऽस्तु ते॥२॥
शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे!।
सर्वस्यार्तिहरे देवि! नारायणि! नमोऽस्तु ते॥३॥
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