ढाक
दुर्गा पूजा में अगर ढाक का शोर न हो, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। यह एक ढोल होता है। दिसे मां की आरती करते समय बजाया जाता है। इसी आवाज बिल्कुल ढोल-नगाड़ों की तरह होती है।
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ढाक
दुर्गा पूजा में अगर ढाक का शोर न हो, तो पूजा अधूरी मानी जाती है। यह एक ढोल होता है। दिसे मां की आरती करते समय बजाया जाता है। इसी आवाज बिल्कुल ढोल-नगाड़ों की तरह होती है।
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