धर्म डेस्क: इंडिया में थोड़े दिन पहले ही सभी ने अपने भगवान गणपति को 10 दिन के समारोह के बाद खुशी के साथ विदा किया। वहीं अब दूसरी और देश में दुर्गा पूजा की तैयारी जोरों से चल रही है।
इस साल दुर्गा पूजा 26 सितंबर से शुरु होकर 30 सितंबर तक विजयादशमी के साथ समाप्त होगी। दुर्गा पूजा सबसे अच्छी कोलकाता में होती है। जहां के भव्य पंडाल और परंपराएं आपका मन मोह लेगी। हम ऐसी ही कुछ परंपराओं के बारें में बता रहे है। जिसके बिना दुर्गा पूजा अधूरी है।
पंडाल
दुर्गा पंडाल में मां शक्ति को पंडाल में विधि-विधान के साथ स्थापित किया जाता है। जिसके लगातार 9 दिन कर विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। यह पंडल अपने आप पर बहुत ही भव्य होते है। कई बार बड़ी-बड़ी समीतियां कारीगरों को बुलाकर पंडाल बनवाते है। जैसे इस बार कोलकाता का सबसे खास पंडाल है। बाहुबली की थीम में बना पंडाल। जो कि दुनिया का सबसे पंडाल माना जा रहा है।
धुनुची डांस
दुर्गा पूजा में धुनुची डांस न हो, तो फिर इस पूजा का कोई महत्व ही नहीं है। यह एक खास नृत्य माना जाता है। इस डांस में एक धुनुची ली जाती है। जो कि मिट्टी से बनी होती है। जिसमें नारियल के छिलके जलाकर मां की आरती की जाती है। इस डांस को करते समय शरीर का बैलेंस होना बहुत ही जरुरी है। इस डांस को करने को लेकर मान्यता है कि इन 9 दिनों के लिए मां अपने मायके आती हैं। इसलिए उनके आने की खुशी में वातावरण को शुद्ध करने और खुशनुमा बनाने के लिए धुनुची डांस किया जाता है।
मां को लगाया जाने वाला भोग
नवरात्र के दौरान मां के नौ रुपों का अलग-अलग तरह का भोग लगता है। जिसे बाद में प्रसाद के रुप में बांटा भी जाता है। मां को घी, गुड, नारियल, मालपुआ आदि का भोग लगता है।
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