बिना अभ्यास के विद्या का नष्ट होना
पुराने जमाने के लोग विद्या को लेकर एक बात कहते है कि रोटी जली कैसे क्योंकि वह फेरी नही गई। इसी आधार पर ज्ञान होता है। अगर हम उसका अभ्यास नही करेंगे तो वह भूल जाएगे। गरुड़ पुराण के अनुसार माना जाता है कि जो भी हम पढ़े उसका हमें हमेशा एर बार अभ्यास करना चाहिए। जिससे कि ज्ञान की कमी न हो।
चतुरता से ही शत्रु का नाश होता है
हमारे आस-पास कई ऐसे शत्रु होते है जिसके कारण हमें कई कष्ट का सामना करना पड़ता है। गरुड़ पुराण क नितिसार में कहा गया है कि शत्रुओं से निपटने के लिए चतुरता पूर्ण नीति का सहारा लेना चाहिए। शत्रु लगातार हमें नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते रहते हैं और यदि हमें चतुरता नहीं दिखाएंगे तो हानि हमारी ही होती है। इसलिए जैसा शत्रु है, उसके अनुसार नीति का उपयोग करके उसे नष्ट किया जा सकता है।
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