धर्म डेस्क: सावन का महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित रहता है। इस माह में विधि पूर्वक शिवजी की आराधना करने से, मनुष्य को शुभ फल भी प्राप्त होते हैं। हिंदू रिवाजों में जहां इस महीने हर दिन नये तरीके से पूजा की जाती है वहीं इस महीने के दौरान बहुत सारी चीजें वर्जित भी होती है। इसी तरह भगवान शिव का महामृत्युंजय मंत्र हर कष्ट को हर लेता है। ऐसा शास्त्रों और पुराणों में कहा गया है।
शास्त्रों और पुराणों में असाध्य रोगों से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए महामृत्युंजय जप करने का विशेष उल्लेख मिलता है। महामृत्युंजय भगवान शिव को खुश करने का मंत्र है। इसके प्रभाव से इंसान मौत के मुंह में जाते-जाते बच जाता है, मरणासन्न रोगी भी महाकाल शिव की अद्भुत कृपा से जीवन पा लेता है। बीमारी, दुर्घटना, अनिष्ट ग्रहों के प्रभावों से दूर करने, मौत को टालने और आयु बढ़ाने के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र जप करने का विधान है।
महामृत्युंजय मंत्र का जप करना परम फलदायी है, लेकिन इस मंत्र के जप में कुछ सावधानियां बरतना चाहिए जिससे कि इसका संपूर्ण लाभ आपको मिले और आपको कोई हानि न हो। अगर आप नही कर पा रहे इस मंत्र का जाप जो किसी पंडित से जाप कराए यह आपके लिए और अधिक लाभकारी होगा। जानिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते वक्त किस बातों का ध्यान रखना चाहिए।
महामृत्युंजय मंत्र
ऊॅ हौं जूं सः। ऊॅ भूः भुवः स्वः ऊॅ त्रयम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ऊॅ स्वः भुवः भूः ऊॅ। ऊॅ सः जूं हौं।
इस मंत्र का जाप करते वक्त ये बातें रखें ध्यान जो आपके लिए बहुत हा जरुरी है इन बातों को ध्यान न रखनें से इसका प्रभाव उल्टा हो सकता है।
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