धर्म डेस्क: हम अपने जीवन में ऐसा कोई ताम नहीं करते है। जिससे कि आने वाले समय में हमें किसी भी तरीके की समस्या का सामना न करना पड़े। शास्त्रों में कहा गया है कि आपके पाप-पुण्य का फल इस जन्म नहीं तो अगले जन्म में भुगतना ही पड़ता है। फिर चाहे वो अच्छे हो या फिर बुरे। (हथेली के रंग से जाने सामने वाले का कैसा है चरित्र, जानिए कैसे)
श्रीमद्भागवत महापुराण हिंदू धर्म ग्रंथों में एक ऐसा ग्रंथ है। जिसमें हमारे जीवन संबंधी कई समस्याओं के बारें में बताया गया है। इस ग्रंथ में खुद श्री कृष्ण ने नीति के उद्देश्य दिएं है। माना जाता है कि जो व्यक्ति इन उपदेशों का पालन करता है। उन्हे अपने जीवन में किसी भी तरीके की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। (तीन मुखी रुद्राक्ष दिलाता है कई बीमारियों से निजात, जानिए और फायदे)
इस महापुराण में ही ऐसे 5 काम के बारें में बताया गया है कि इन कामों को करना क्या इस बारें में सोचना भी महापाप माना जाता है। इससे आपका ही नुकसान होगा। जानिए ऐसे कौन सी 5 चीजे है जिनके बारें में सोचना भी महापाप है। (चाहते हैं हो जाएं जल्द शादी, तो अपनाएं ये आसान से टोटके)
यदा देवेषु वेदेषु गोषु विप्रेषु साधुषु।
धर्मो मयि च विद्वेषः स वा आशु विनश्यित।।
इस श्लोक का अर्थ है कि जो व्यक्ति देवताओं, वेदों, गौ, ब्रह्माणों-साधुओं और धर्म के कामों के बारे में बुरा सोचता है। उसका जल्द ही नुकसान होता है।
देवताओं को न कहे अपशब्द
इस शास्त्र के अनुसार कभी भी खुद को भगवान से बड़ा और कभी भी भगवान को दुश्मन नहीं मानना चाहिए। क्योंकि आपको जिस बात का घमंड है वो कल आपके नाश का कारण बनेगा। जिस तरह से रावण ने देवताओं से दुश्मनी और खुद की शक्ति पर घमंड था।
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