धर्म डेस्क: हिंदू पंचाग के अनुसार माता महालक्ष्मी के ये व्रत कल से, यानी 29 अगस्त 2017 से शुरू हो रहे हैं जो कि कल से 16 वें दिन, यानी 13 सितम्बर 2017 को समाप्त होंगे। इन दिनों में मां लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
इन दिनों में सोलह श्रृंगार की चीजे दान करना का बहुत अधिक महत्व है। सोलह दिनों तक भी अलग-अलग सोलह सामग्रियों का सोलह की गिनती में दान कर सकते हैं। तो वो कौन-सी सोलह चीज़ें हैं, जिनका इस दौरान दान किया जा सकता है। जानिए इन चीजों के बारें में।
- सोलह चुनरी
- सोलह बिंदी
- सोलह सिन्दूर की डिब्बी
- सोलह लिपस्टिक
- सोलह लाल रंग के रिबन
- सोलह कंघे या कंघी
- सोलह शीशे
- सोलह बिछिया
- सोलह नाक की कील या नथ
- सोलह फल
- सोलह मिठाई
- सोलह मेवा
- सोलह लौंग
- सोलह इलायची
- सोलह मीटर सफ़ेद कपड़ा या रुमाल
- ब्राह्मण को दक्षिणा।
अगर आप पूरे सोलह दिनों तक इस व्रत को करने में असमर्थ हैं, वो सोलह दिनों में से केवल 3 दिन के लिये यह व्रत कर सकते हैं। लेकिन ये तीन व्रत पहले, मध्य और आखिर में किये जाते हैं।
यानी इन सोलह दिनों में से पहले दिन, आठवे दिन और आखिरी दिन करना चाहिए। पहला व्रत 29 अगस्त को है। आठवां दिन 5 सितम्बर 2017 और आखिरी व तीसरा व्रत 13 सितम्बर 2017 को है। जो सोलह दिवसीय व्रत करने में असमर्थ हैं, वे तीन दिन व्रत करके भी महालक्ष्मी की कृपा पा सकते हैं।
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