धर्म डेस्क: शरद पूर्णिंमा का व्रत संतान की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए किया जाता है। इस बार शरद पूर्णिमा 15 अक्टूबर को है। जो कि शनिवार का दिन है। इस दिन पूरा चांद दिखाई देने के कारण इसे महापूर्णिमा कहा गया है। इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होगा। जिसके कारण इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है।
इसके साथ ही माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी अपने वाहन उल्लू में सवार होकर धरती में आती है। माता यह देखती है उनका कौन भक्त रात में जागकर उनकी भक्ति कर रहा है। माना जाता है जो भक्त इस रात में जागकर मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना करते हैं मां लक्ष्मी की उन पर अवश्य ही कृपा होती है।
अगर आप अपनी किस्मत चमकाना चाहते है, तो इस आप एक मंत्र का जाप कर अपनी ये इच्छा पूरी कर सकते है।
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा का दर्शन करके चांदी के बर्तन में दूध और मिश्री लेकर भोग लगाएं और रातभर इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र का जाप करने से आपकी सबी मनोकामनाएं पूर्ण होगी और आपकी किस्मत खुल जाएंगी।
"पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।"
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