धर्म डेस्क: किसी व्यक्ति की कुंडली में चार, आठ या बारहवें भाव में शनि है तो उस व्यक्ति को शनि की कृपा प्राप्त होती है। शनि नीच राशि में या अस्त या वक्री हो तो व्यक्ति को दुख और कष्ट ही देता है। शनि मकर व कुंभ ग्रह का स्वामी है। अगर आपकी कुंडली में वास्तु दोष या फिर साढे सती या ढैय्या लगी हुई है तो इन उपायों से आप इससे निजात पा सकते है। शनिवार और मंगलवार हर व्यक्ति के लिए बहुत खास होते हैं, क्योंकि इन दोनों दिन पूजा-अर्चना करने का विशेष लाभ मिलता है। मंगलवार का दिन हनुमानजी और मंगल देवता की विशेष पूजा का दिन है तो शनिवार शनि और बजरंगबली की आराधना का दिन है।
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इन तरीकों को अपनाकर अपने जीवन में सुख-शांति, धन-समृद्धि ला सकते है। शनि को प्रसन्न कर आप अपने और अपने परिवार के जीवन में खुशहाली ही खुशहाली ला सकते है। जानिए शनि को प्रसन्न करने के 15 तरीकों के बारें में। आप अपने खराब समय को अपने अनुकुल कर सकते है।
- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा विधि-विधान से करने के बाद इस मंत्र का जाप जरुर करें- ऊं ए श्री शानेश्चारय नम:
- खाली पेट नाश्ते से पहले काली मिर्च खाकर गुड़ या बताशा खा लें। इससे शनि देव जल्द प्रसन्न होते है।
- हर शनिवार के दिन सोने से पहले अपने शरीर और नाखूनों पर तेल से मालिश करें। ऐसा करने से शनि की कृपा बनी रहती है।
- शनिदेव को गुड़ या चने की बनी कोई चीज का भोग लगाकर अधिक से अधिक लोगों को यह बांटे।
- शनिवार के दिन एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर किसी डकोत को दे दें। अगर कोई डकोत न हो तो इसमें दीपक बनाकर किसी शनि मंदिर में जला दें।
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