धर्म डेस्क: हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन गुरु दोष शांति व गुरु की प्रसन्नता के लिए विशेष दिन माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि गुरु बृहस्पति, देवगुरु हैं। ज्योतिष मान्यताओं में भी गुरु सुखद दाम्पत्य जीवन व सौभाग्य को नियत करते हैं। खासकर स्त्री के विवाह और पुरुष की आजीविका की परेशानी गुरु की प्रसन्नता से दूर हो जाती है।
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देवगुरु बृहस्पति (गुरु) धनु और मीन राशियों का स्वामी ग्रह है। सामान्यत: गुरु शुभ फल देता है किंतु पापी ग्रह यदि उसके साथ विराजमान हो जाए अथवा गुरु अपनी नीच राशि में स्थित हो तो यही गुरु जातक के लिए अनिष्टकारी हो जाता है अर्थात् अशुभ फल देने लगता है जिससे जातक आर्थिक, मानसिक, शारीरिक एवं पारिवारिक रूप से परेशान हो जाता है, तो आप गुरु भगवान का एन सरल मंत्र से जाप कर जल्द मनचाही नौकरी व जीवनसाथी की मुराद हो जाएगी। जानिए किन मंत्रो से ब्रहस्पति भगवान को प्रसन्न किया जा सकता है।
अगर आपको किसी भी तरह की कोई परेशानी हैं या फिर किसी बी काम में शपलता प्राप्त नहीं हो रही हैं। तो गुरुवार के दिन इस मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। जानिए किस तरह करें इस मंत्र का जाप।
आमतौर पर आप इस मंत्र को रोजाना कर सकते हैं, लेकिन गुरुवार के दिन इस मंत्र का जाप करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। इस मंत्र को करने के लिए इस दिन सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान के बाद पीले रंग कपड़े पहने और गुरु बृहस्पति की उपासना करें।
विधि-विधान से पूजा करने के साथ भगवान को पीली रंग की नैवेद्य चढाएं, क्योंकि गुरु बृहस्पति को बहुत प्रिय माने गए हैं। इसके बाद साफ पीले कपड़े या फिर आसानी में बैठकर इस मंत्र का जाप 108 बार करें।
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