धर्म डेस्क: पूजा में चमेली के फूल का इस्तेमाल होते तो आपने देखा होगा, लेकिन एक जड़ी-बूटी के रूप में इसका क्या उपयोग हो सकता है, कैसे यह आपको फायदा दिला सकता है। भारत में चमेली का पौधा हर जगह पाया जाता है। वैसे तो अधिकतर जगहों पर सफेद रंग के फूल वाला चमेली का पौधा देखने को मिलता है, लेकिन कहीं-कहीं पर पीले रंग की फूलों वाली चमेली की बेल भी पायी जाती है।
चमेली का फूल शुक्र का कारक माना जाता है और शुक्र का संबंध सौन्दर्य से है, प्रेम से है, कला से है और समृद्धि से है।
अगर किसी की जन्मपत्रिका में शुक्र अशुभ स्थिति में हो तो जिस-जिस चीज़ से इसका संबंध है, उस पर यह विपरित असर डालने वाला हो सकता है। चमेली की खुशबू जितनी मनमोहक होती है, उतनी ही हमारे स्वास्थ्य के लिए और अनेक बीमारियों को दूर करने में भी यह फायदेमंद होती है, तो चमेली का फूल आपके लिए कितना लाभदायक है और इससे जुड़े कौन-से उपाय हैं, जिनके जरिये आप लाभ पा सकते हैं और शुक्र के दोषों से छुटकारा पा सकते हैं।
शुक्र की अशुभ स्थिति में शरीर में त्वचा और आपके सौन्दर्य पर इसका काफी असर पड़ता है। अगर आपको भी कुछ ऐसा लगता है तो अपने चेहरे की सुन्दरता को बढ़ाने के लिये, मुख पर तेज कायम रखने के लिये आज के दिन चमेली के 2-3 फूलों को लेकर पानी के साथ पीस लें और उन्हें देवी लक्ष्मी के चरणों में लगाकर अपने चेहरे पर लगा लें और कुछ समय बाद साफ पानी से धो लें। चमेली का फूल चेहरे को कोमल बनाए रखने का काम करता है। इससे आपके चेहरे की चमक तो बनी ही रहेगी, साथ ही चेहरे पर दाग, धब्बे भी नहीं होंगे। यह उपाय आप हर शुक्रवार के दिन कर सकते हैं।
आपको बता दूं कि चमेली के फूल जितने सुंदर होते हैं, उतने ही छोटे भी होते हैं। चमेली के फूल की खुशबू मन को पल भर में आकर्षित करने वाली होती है। चमेली का पौधा बेल जैसा होता है। इसके फूल सफेद रंग के होते है, जबकि इसके पत्ते कुछ गोल, हरे और चिकने होते हैं।
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