धर्म डेस्क: सप्ताह के प्रत्येक दिन पर किसी न किसी ग्रह का अधिपत्य होता है। नौ ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति होता है। गुरु को भाग्य और विद्या का कारक भी कहते हैं। बृहस्पति वार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु संसार के पालनहारी हैं। वहीं गुरु बृहस्पति सबसे बड़े ग्रह होने के साथ ही देवताओं के गुरु भी माने जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि बृहस्पतिवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से महालक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती हैं। घर में सुख संपन्नता बनी रहती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही ज्ञान में वृद्धि होती है, आपका वैभव और सौभाग्य बढ़ता है। इसके अलावा विवाह में आ रही परेशनियों को दूर करने के लिए भी यह दिन बड़ा ही अच्छा है। तो आज के दिन हम आपकी इन सब समस्याओं के उपायों की चर्चा करेंगे।
कन्या विवाह
यदि आप अपनी कन्या के विवाह को लेकर परेशान हो रहे है या फिर आपकी कन्या की शादी में देरी हो रही है तो आप गुरुवार के दिन सुबह के समय अपनी कन्या से केले के पेड़ की पूजा करने को कहें। उसके बाद केले के वृक्ष पर जल अर्पित करें, लेकिन इस दिन व्रत करने वाली कन्या केले ना खाएं। ऐसा करने से विवाह बाधा शीघ्र ही दूर हो जाएगी।
प्रेम विवाह
यदि आपके प्रेम विवाह में अड़चने आ रही हैं तो गुरुवार के दिन सुबह नहा-धोकर विष्णु और लक्ष्मी मां की मूर्ति या फोटो के आगे "ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः" मंत्र का 11 बार जाप करें। ऐसा प्रत्येक बृहस्पति वार को लगातर तीन महीने तक पूजा करें और मंत्र का जाप करें साथ ही विवाह की सफलता के लिए प्रार्थना करें। ऐसा करने से विवाह जल्द होगा।
भाग्य की वृद्धि
यदि आप चाहते है कि आपके भाग्य में वृद्धि हो या फिर आपका परिवार आपका हमेशा सहयोग करें तो इसके लिए आप गुरुवार के दिन कुएं में एक चुटकी हल्दी डालें। ऐसा करने से आपका भाग्योदय जल्द होगा।
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