- अगर आपको अपने बच्चे की पढ़ाई को लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है, अगर आपका बच्चा पढ़ाई में कमजोर है, तो आज के दिन सुबह स्नान के बाद एक काले कपड़े में थोड़े-से काले उड़द, सवा किलो अनाज, चाहें तो आप सवा किलो गेहूं भी ले सकते हैं। साथ ही दो बूंदी के लड्डू, कोयला व लोहे की दो कील लपेटकर बहते साफ पानी में प्रवाहित कर दें।
- प्रदोष व्रत में अन्न नहीं खाया जाता। शनि प्रदोष में शिव जी की पूजा का भी बहुत महत्व है। आज के दिन सबसे पहले शिव मंदिर में जाकर सबसे पहले पंचामृत और गंगाजल से शिव जी को स्नान कराएं और फिर जल से स्नान कराएं। इसके बाद बेल पत्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची आदि से भगवान का पूजन करें और हर बार एक चीज़ चढ़ाते हुए 'ऊं नमः शिवाय' का जाप करना न भूलें। इस दिन भगवान शिव को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग जरूर लगाएं और घी का दीपक जलाएं। शिव जी की पूजा के बाद शनिदेव की पूजा करनी चाहिए और इसी तरह से शाम के समय भी भगवान शिव की पूजा करें।
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