धर्म डेस्क: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के लिए और शनि की कृपा पाने के लिए ये व्रत बहुत ही जरूरी माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ शनि की पूजा करने का विशेष फल मिलता है। जिस व्यक्ति के कुंडली में साढ़ेसाती ढैय्या लगा रहता है। उन्हें हर काम में असफलता प्राप्त होती है। कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
किसी व्यक्ति की कुंडली में चार, आठ या बारहवें भाव में शनि है तो उस व्यक्ति को शनि की कृपा प्राप्त होती है। शनि नीच राशि में या अस्त या वक्री हो तो व्यक्ति को दुख और कष्ट ही देता है। शनि मकर व कुंभ ग्रह का स्वामी है।
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अगर आपकी कुंडली में वास्तु दोष या फिर साढे सती या ढैय्या लगी हुई है तो इन उपायों से आप इससे निजात पा सकते है। शनिवार और मंगलवार हर व्यक्ति के लिए बहुत खास होते हैं, क्योंकि इन दोनों दिन पूजा-अर्चना करने का विशेष लाभ मिलता है। मंगलवार का दिन हनुमानजी और मंगल देवता की विशेष पूजा का दिन है तो शनिवार शनि और बजरंगबली की आराधना का दिन है।
अगर आपकी कुंडली में भी साढ़ेसाती ढैय्या है या फिर हर काम में सफलता प्राप्त हो रही है, तो शनि प्रदोष व्रत वाले दिन इन उपायों को करें। आपको जरुर लाभ मिलेगा।
- नौकरी में जल्द ही पदोन्नति पाने के लिए या अच्छी नौकरी पाने के लिये आज के दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल डाले, उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उसे शनिदेव का दान लेने वाले व्यक्ति, यानी डाकोत को दान कर दें। इससे आपकी तरक्की बहुत जल्द होगी।
- घर और बिजनेस में कभी पैसों की कमी न रहे, इसके लिये आज के दिन काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं और गुड़ भी खिलाएं। इससे हमेशा आपकी बरकत ही बरकत होगी। यह उपाय आप हर शनिवार को कर सकते हैं।
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