धर्म डेस्क: प्रदोष व्रत भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष तिथि है। इस तिथि में व्रत व पूजन का विशेष महत्व होता है और ऐसी माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस तिथि में पूजन करता है। उसको मां पार्वती व भगवान शंकर की कृपा मिलती है। (शनि प्रदोष व्रत आज: आज ऐसे करें भगवान शनि और शिव की पूजा, होगी हर इच्छा पूरी)
इस बार प्रदोष व्रत शनिवार को पडने के कारण शिव और माता पार्वती के साथ ही शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होगी। प्रदोष व्रत त्रयोदशी क दिन रखा जाता है। ज्योतिषों के अनुसार इस बार का प्रदोष व्रत पुण्यकारी है।
शनि प्रदोष में खास तौर पर भगवान को तिल का भोग अर्पित करना चाहिए साथ ही गरीबों को भी भोग खिलाना चाहिए। काले छाते व जूते का दान करना चाहिए। इससे राशि में चंद्र देव से होने वाले सभी दोषों से शनि की कृपा से मुक्ति मिलती है। (रक्षाबंधन पर भद्रा और चंद्रग्रहण का दोहरा साया, जानें राखी बांधने का शुभ मुहूर्त)
हम आपको बता दे कि इस व्रत में दो समय भगवान शिव की पूजा की जाती है, एक बार सुबह और एक बार शाम को सूर्यास्त के बाद, यानी कि रात्रि के प्रथम पहर में। शाम की इस पूजा का बहुत महत्व है क्योंकि सूर्यास्त के पश्चात रात्रि के आने से पूर्व का समय प्रदोष काल कहलाता है। आज के दिन ये उपाय करने से शनि की कृपा बनी रहेगी। इसके साथ ही आपकी कुंडली में लगा साढ़े साती का प्रभाव कम होगा। जानिए इन उपायों के बारें में।
- आज कांसे की कटोरी में तिल का तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखें और फिर उसे शनिदेव का दान लेने वाले व्यक्ति, यानी डाकोत को दान कर दें। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
- आज के दिन एक काले कपड़े में काले उड़द, सवा किलो अनाज, दो लड्डू, कोयला व लोहे की कील लपेटकर बहते साफ जल में प्रवाहित कर दें।
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