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कुंडली के पितृदोष से है परेशान, तो इन दिनों में नक्षत्र के अनुसार करें श्राद्ध

पितृदोष के कारण जातक को मानसिक पीड़ा, अशांति, धन की हानि, गृह-क्लेश जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें पिण्डदान और श्राद्ध नहीं करने वालों के साथ-साथ पितृदोष का योग उनकी संतान की कुण्डली में भी बनता है और अगले जन्म में वह भी पितृदोष से पीड़ित होता है

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: September 24, 2018 18:54 IST
Pitra dosh- India TV Hindi
Pitra dosh

धर्म डेस्क: आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है, लेकिन पूर्णिमा तिथि आज सुबह 08 बजकर 22 मिनट तक ही रहेगी, उसके बाद आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जायेगी। आपको बता दें कि 24 सितंबर को पूर्णिमा तिथि के साथ पितृ पक्ष शुरु हो गया है। जिन लोगों का स्वर्गवास किसी भी महीने के कृष्ण या शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को हुआ हो, उन लोगों का श्राद्ध आज के दिन किया जायेगा। प्रतिपदा तिथि का श्राद्ध करने वाले व्यक्ति की धन-सम्पत्ति में वृद्धि होती है। अतः आज के दिन श्राद्ध करके फायदा जरूर उठाएं।

दरअसल शास्त्रों में पितृदोष को सबसे बड़ा दोष माना गया है। कुण्डली का नौंवा घर धर्म का होता है। ये घर पिता का भी माना गया है। यदि इस घर में राहु, केतु और मंगल अपनी नीच राशि में बैठे हैं, तो ये इस बात का संकेत है कि आपकी कुंडली में पितृदोष है। (साप्ताहिक राशिफल(24 से 30 सितंबर तक): इन राशिवालों के रुके काम बनेंगे, जानिए राशिनुसार अपना भविष्य )

पितृदोष के कारण जातक को मानसिक पीड़ा, अशांति, धन की हानि, गृह-क्लेश जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आपको बता दें पिण्डदान और श्राद्ध नहीं करने वालों के साथ-साथ पितृदोष का योग उनकी संतान की कुण्डली में भी बनता है और अगले जन्म में वह भी पितृदोष से पीड़ित होता है, लेकिन श्राद्ध आदि कार्य करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही आपका भाग्योदय होता है। आपको सुख, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है। इसके अलावा विभिन्न नक्षत्रों में श्राद्ध करने से क्या फल मिलेंगे। जानइए इस बारें में आचार्य इंदु प्रकाश से। (पितृ पक्ष आज से शुरू, जानें श्राद्ध क्या है और श्राद्ध की तिथियां, किस दिन करें किस व्यक्ति का श्राद्ध )

आर्द्रा नक्षत्र: इस नक्षत्र में श्राद्ध करने वाले को ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।

रोहिणी नक्षत्र: श्राद्ध करने वाले को अच्छी संतान की प्राप्ति होती है।
मृगशिरा नक्षत्र:  जो व्यक्ति श्राद्ध करता है, उसमें अच्छे गुणों का विकास होता है।
पुनर्वसु नक्षत्र:  श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को सुंदरता प्राप्त होती है और सिर्फ तन से ही नहीं, मन से भी वह सुंदर होता है।
पुष्य नक्षत्र:   श्राद्ध करने वाले को लंबी आयु की प्राप्ति होती है।
मघा नक्षत्र:   श्राद्ध करने वाले का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। तो अच्छी सेहत के लिए मघा नक्षत्र में श्राद्ध करना चाहिए।
पूर्वाफाल्गुनी:  नक्षत्र श्राद्ध करने वाले को अच्छे सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हस्त नक्षत्र:  श्राद्ध करने से श्रेष्ठ विद्या का गुण मिलता है।
चित्रा नक्षत्र:  श्राद्ध करने वाले की संतान को प्रसिद्धि मिलती है।
स्वाति नक्षत्र:  श्राद्ध करने से बिजनेस में लाभ होता है।
विशाखा नक्षत्र:  वंश वृद्धि के लिए इस नक्षत्र में श्राद्ध करना चाहिए।
अनुराधा नक्षत्र:  श्राद्ध करने से उच्च अधिकारों का दायित्व मिलता है।
मूल नक्षत्र:  श्राद्ध करने से व्यक्ति हमेशा निरोगी काया वाला होता है।
कृतिका नक्षत्र:  श्राद्ध करने से समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है।

नक्षत्र किन तारीखों को पड़ रहे हैं?
कृतिका नक्षत्र: 29 सितम्बर
रोहिणी नक्षत्र: 30 सितम्बर
मृगशिरा नक्षत्र: 1 अक्टूबर
आर्द्रा नक्षत्र: 2 अक्टूबर
पुनर्वसु नक्षत्र: 3 अक्टूबर
पुष्य नक्षत्र: 4 अक्टूबर
मघा नक्षत्र: 6 अक्टूबर
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र: 7 अक्टूबर
हस्त नक्षत्र: 9 अक्टूबर

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