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गोवर्धन पूजा 2017: इस शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से करें पूजा, ये है कथा

इस दिन गोबर घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर पूजन किया जाता है। जानि ेक्या है शुभ मुहूर्त, साथ ही किस विधि में करें पूजा और जानें कथा...

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : October 20, 2017 8:05 IST
goverdhan puja- India TV Hindi
goverdhan puja

धर्म डेस्क: कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पर्व मनाया जाता है। जो कि दीवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस बार गोवर्धन पूजा 20 अक्टूबर, शुक्रवार को है। इसे अन्नकूट पूजा के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन गेहूं, चावल जैसे अनाज, बेसन से बनी कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोज तैयार किए जाते है। जिन्हें भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है।

इस पर्व को सबसे ज्यादा श्री कृष्ण की जन्मभूमि में यानी कि मथुरा, काशी, गोकुल, वृंदावन में मनाया जाता है। इस दिन घर के आंगन में गोवर्धन पर्वत को गाय के गोबर से बनाया जाता है। साथ ही ब्रज भूमि में गोवर्धन पर्व को मानवाकार रुप में मनाया जाता है। यहां पर गोवर्धन पर्वत उठाए हुए, भगवान श्री कृ्ष्ण के साथ साथ उसके गाय, बछड़े, गोपिया, ग्वाले आदि भी बनाये जाते है। इसके बाद इन्हें मोर पंख से सजाया जाता है।

गोवर्धन को गोबर से बनाकर इसमें रुई और करवे की सीके लगाकर पूजा की जाती है। गोबर पर खील, बताशे ओर शक्कर के खिलौने चढाये जाते है। इसके बाद शाम को रोज इनके सामने दीपक जलाया जाता है।

शुभ मुहूर्त

सुबह: 6 बजकर 28 मिनट से 8 बजकर 43 मिनट तक
शाम: 3 बजकर 27 मिनट से सायं 5 बजकर 42 मिनट तक
प्रतिपदा: रात 12 बजकर 41 मिनट से रात्रि 1 बजकर 37 मिनट

इस कारण मनाया जाता है ये पर्व
जब भगवान श्री कृ्ष्ण अपनी गोपियों और ग्वालों के साथ गाय चरा रहे थे। गायों को चराते हुए श्री कृ्ष्ण जब गोवर्धन पर्वत पर पहुंचे तो गोपियां 56 प्रकार के भोजन बनाकर बडे उत्साह से नाच-गा रही थी। जब उन्होनें उनले पूछा कि यह क्यों मना रहे है तो बताया गया कि सब देवराज इन्द्र की पूजा करने के लिए किया जा रहा है। देवराज इन्द्र प्रसन्न होने पर हमारे गांव में वर्षा करेगें। जिससे अन्न पैदा होगा। इस पर भगवान श्री कृष्ण ने समझाया कि इससे अच्छे तो हमारे पर्वत है, जो हमारी गायों को भोजन देते है।

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