- अगर हर तरह की बीमारी से बचना चाहते है, तो लटजीरा या चिचड़े के पौधे के अगले हिस्से को सर पर रखकर स्नान कीजिए और इस मंत्र को पढ़े - ''चिचड़ी बरियारी, रोगदोष लै जाय दीवारी''।
- धनतेरस के दिन एक चांदी का सिक्का खरीद लें। फिर इसे दीवाली के दिन लेकर एक कटोरी में आधा चावल से भर लें। इसके बाद लक्ष्मी जी के आगे जलाए हुए घी के दीपकों में से एक दीपक को उठाकर उसी कटोरी में सिक्के के ऊपर रख दें और कटोरी को किसी तश्तरी या प्लेट से ढ़क दें। दीपक को उसी के अंदर बुझ जाने दें। इसके साथ ही उस कटोरी को वहीं रखा रहने दें। भाई दूज के दिन उस कटोरी को खोलकर सिक्का निकाल लें और उस सिक्के को संभालकर तिजोरी में रखें। इसके साथ चावलों को एक लाल रंग के कपड़े की पोटली में बांधकर तिजोरी में रखें।
- अगर किसी को जल्द नजर लग जाती है, तो दीवाली की रात लक्ष्मी जी के आगे देशी घी का दीपक जलाएं इसके साथ ही एक बड़े दीपक में सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाना चाहिए। इसके बाद इस दीपक की लौ को एक कच्ची मिट्टी के दीपक से ढ़क देना चाहिए। भाई दूज के दिन इस कच्चे दिए पर जमे कार्बन को गाय के घी से सानकर बने काजल का टीका या उसे आंख में लगाना बेहद शुभ माना गया है।