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आज कर इस खास मंत्र का 108 बार जाप, मिलेगी शत्रुओं पर सफलता के साथ मनचाही मुराद

आज के दिन धूमावती के इस विशेष मंत्र का जाप करने से आप अपने शत्रुओं पर आसानी से अपना कंट्रोल कर सकते हैं, उन्हें अपने काबू में कर सकते हैं। लेकिन इस मंत्र काजाप करने से पहले आपको धूमावती के यंत्र का निर्माण भी जरूर करना चाहिए, जिससे आपको मिलने वाले लाभ में कई गुना बढ़ोतरी होगी और आपको कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होगी।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: June 19, 2018 7:50 IST
dhumavati jayanti 2018- India TV Hindi
dhumavati jayanti 2018

धर्म डेस्क: आज धूमावती जयंती है। धूमावती दस महाविद्याओं में से एक हैं। ये तंत्र मंत्र की देवी हैं। इनकी उपासना से किसी भी शत्रु का नाश किया जा सकता है और शत्रुओं से छुटकारा पाया जा सकता है। तो आज के दिन हम आपको धूमावती के उस खास मंत्र के बारे में जानिए। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार आज के दिन जाप करके आप अपने किसी भी काम में सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं और शत्रुओं से छुटकारा पा सकते हैं।

दस महाविद्याओं में से एक देवी धूमावती के मंत्र और यंत्र की- सबसे पहले मैं आपको धूमावती के विशेष मंत्र के बारे में बता देते है।

मंत्र इस प्रकार है-
‘धूं धूं धूमावति ठः ठः स्वाहा।‘
एक बार फिर से सुन लीजिये-
‘धूं धूं धूमावति ठः ठः स्वाहा।‘

आज के दिन धूमावती के इस विशेष मंत्र का जाप करने से आप अपने शत्रुओं पर आसानी से अपना कंट्रोल कर सकते हैं, उन्हें अपने काबू में कर सकते हैं। लेकिन इस मंत्र काजाप करने से पहले आपको धूमावती के यंत्र का निर्माण भी जरूर करना चाहिए, जिससे आपको मिलने वाले लाभ में कई गुना बढ़ोतरी होगी और आपको कई प्रकार की सिद्धियां प्राप्त होगी।

ऐसे करें देवी धूमावती के यंत्र का निर्माण
यंत्र निर्माण के लिये वैसे तो भोजपत्र और अनार की कलम को उपयोग में लिया जाता है। लेकिन अगर आपके पास भोजपत्र और अनार की कलम का इंतजाम न हो तो आप एक सफेद कोरा कागज और एक लाल पेन लीजिये। अब उस कागज पर लाल पेन की सहायता से सबसे पहले एक त्रिभुज बनाइए। अब उस त्रिभुज के ऊपर ही विपरित दिशा में एक ओर त्रिभुज बनाइए। इस प्रकार आपका एक षटकोण तैयार हो जायेगा। अब इस षटकोण के ऊपर, उसकी किनारियों को छूते हुए एक वृत्त बनाइए। अब वृत्त के ऊपर आठ पंखुड़ियां बनाइए। इस प्रकार आपका यंत्र बनकर तैयार हो जायेगा।(graphic of धूमावती यंत्र) यंत्र निर्माण होने के बाद यंत्र के बींचो-बीच देवी धूमावती का मंत्र भी लिखें। मंत्र इस प्रकार है- ‘धूं धूं धूमावति ठः ठः स्वाहा।‘

इस प्रकार आपका यंत्र पूरी तरह से तैयार है। अब इस यंत्र को अपने घर के मन्दिर में पुष्पों के ऊपर स्थापित करें। इसके बाद विधि-पूर्वक धूप-दीप आदि से उस यंत्र की पूजा करें और पूजा के बाद भी यंत्र के सामने दीपक को जलता रहने दीजिये। अब वहीं मन्दिर के सामने आसन बिछाकर बैठ जायें और देवी धूमावती के मंत्र का जाप करें- ‘धूं धूं धूमावति ठः ठः स्वाहा।‘

आज के दिन आप इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। बाकी आपकी इच्छा और आपके कार्य पर निर्भर करता है। इस प्रकार आज के दिन यंत्र का निर्माण करके मंत्र जाप करने से आपको अनेकों सिद्धियां प्राप्त होंगी। साथ ही आप अपने शत्रु का नाश करने में सफल होंगे। आपको जल्द ही अपने शत्रुओं से छुटकारा मिलगा।

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