धर्म डेस्क: प्रकाश का त्योहार कहा जाने वाली दीवाली की शुरुआत धनतेरस के साथ हो जाती है। दीवाली एक ऐसा त्योहार है जो कि पूरे 5 दिनों तक चलती है। यह हिंदूओं का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दीपावली की तैयारियां शुरू हो जाती है, जो व्यापक स्तर पर की जाती है। इस बार धनतेरस 17 अक्टूबर, मंगलवार को है।
धनतेरस में इस बार बहुत अच्छा संयोग है। इस बार धनतेरस के साथ-साथ प्रदो, ्रक पड़ रहा है। जिसके कारण ये संयोग बहुत ही माना जाता है। इतना ही नहीं इस दिन सर्वार्थ सिद्ध योग भी बन रहा है।
प्रदोष का व्रत हर बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों में पड़ता है। जो कि त्रयोदशी के दिन होता है। इस बार कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को दोनों पडने के कारण बहुत ही बड़ा संयोग है। ऐसा संयोग आपके घर धन-धान्य लेकर आएगा। प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा बड़े ही विधि-विधान से की जाती है।
ज्योतिषाचार्यो की माने तो इस संयोग में खरीददारी करना शुभ है, लेकिन इस संयोग में स्टील की कोई भी चीज न खरीदें। यह आपके लिए अशुभ साबित होगी।
कार्तिक मास कृष्णपक्ष त्रयोदशी के दिन दोनों संयोग पडने के कारण इस दिन यम दीपदान करना भी आपको अकाल मृत्यु का डर दूर हो जाएगा। धनतेरस के दिन यमराज और धन्वन्तरि का पूजन किया जाता है। प्रदोष काल में यमदीप दान करें।
शुभ मुहूर्त
शाम 7 बजकर 20 मिनट से लेकर 8 बजकर 17 मिनट के बीच पूजा करना शुभ होगा। इस दौरान पूजा करने से धन, स्वास्थ्य और आयु बढ़ती है।
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