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ऐसा गांव जहां पर गाय को पूजा ही नहीं जाता बल्कि की जाती है शाम की आरती

। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के नंदनपुर (गोर) में पहुंचकर गाय के महत्व को समझा जा सकता है। यह ऐसा गांव है, जहां गौशाला में गायों की नियमित तौर पर सिर्फ पूजा ही नहीं होती, बल्कि शाम को आरती भी होती है।

Reported by: IANS
Published : March 16, 2018 15:28 IST
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टीकमगढ़: सियासी दलों के लिए गाय और गंगा वोट हासिल करने का हथियार हो सकता है, मगर समाज के लिए आज भी गाय और गंगा पूज्यनीय है। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के नंदनपुर (गोर) में पहुंचकर गाय के महत्व को समझा जा सकता है। यह ऐसा गांव है, जहां गौशाला में गायों की नियमित तौर पर सिर्फ पूजा ही नहीं होती, बल्कि शाम को आरती भी होती है।

भारतीय मान्यताओं के मुताबिक, द्वापर युग में यदुवंशी भगवान कृष्ण और गाय का संबंध आज भी धार्मिक ग्रंथों और कथाओं का हिस्सा है। कृष्ण का नाता नंद गांव से रहा है। टीकमगढ़ जिले के नंदनपुर (गोर) की तुलना नंद गांव से तो नहीं की जा सकती, मगर इतना तो कहा ही जा सकता है, कि यहां के लोग गाय को अब भी माता का दर्जा देते हैं।

नंदनगांव में की जाती है गाय की आरती

यादव बाहुल्य नंदनपुर (गोर) के बाहरी हिस्से में बनी गौशाला का शाम के समय नजारा ही निराला होता है, यहां बजती गरुण घंटी और झालर के बीच गाई जाती आरती बरबस हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। यह सिलसिला कोई आज शुरू नहीं हुआ है, बल्कि वर्षो से चला आ रहा है।

गौशाला में ही निवास करने वाले चंदन सिंह ने बताया, "यहां गायों की देखभाल की जाती है, उन्हें उचित पोषाहार दिया जाता है, इसके अलावा यहां जैविक खाद बनाई जाती है, जिसका उपयोग खेती में किया जाता है। लोगों का रवैया भी सकारात्मक है और सभी गाय की रक्षा में लगे हुए हैं।"

गौशाला की देखभाल करने वाले प्रदीप बताते हैं, "यहां 25 गाय हैं, जिन्हें वे नियमित रूप से सानी (भूसा, खली, नमक) देते हैं। तीन गाय ऐसी हैं जो अभी दूध देती हैं, एक गाय के दूध से गौशाला में रहने वालों का काम चल जाता है, शेष दूध का अन्य उपयोग होता है। गौ मूत्र को इकट्ठा कर लोगों को उपलब्ध कराया जाता है, वहीं गोबर की खाद बनाई जाती है।"

गांव के युवा हरि सिंह बताते हैं, "लगभग 50 घर और 300 की आबादी वाले इस गांव के हर घर में मवेशी हैं, सभी के लिए गाय मां के समान है, यही कारण है कि गौशाला गांव के लोगों के ही सहयोग से चल रही है। यहां गोबर गैस प्लांट भी बनाया जा रहा है, इसके जरिए बिजली और खाना बनाने के लिए गैस भी बनाई जाएगी।"

अगली स्लाइड में जानें कैसे करते है ये काम

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