चौथा दिन
यह छठ पूजा का चौथा और आखिरी दिन होता है। इस दिन भगवान सूर्य को सुबह ही अर्ध्य दिया जाता है। इस दिन सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंचना होता है और उगलते हुए सूर्य को अर्ध्य देना होता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मां छठ माता प्रसन्न होती है। जिससे संतान रक्षा, घर में सुख-शांति का वरदान देती है। इस पूजन के बाद व्रती सभी को प्रसाद बांटकर फिर खुद प्रसाद खाकर अपना व्रत खोलते है।