आज से सूर्य षष्ठी व्रत की शुरुआत है। दीपावली के बाद बड़े त्योहारों में शामिल छठ पूजा का बड़ा ही विशेष महत्व है। छठ पूजा का यह व्रत मुख्य रूप से संतान की लंबी आयु, पारिवारिक सुख-समृद्धि, अच्छी सेहत और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए किया जाता है। छठ पूजा का ये त्योहार पूरे चार दिनों तक मनाया जाता है।
छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय होता है। दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और अगले उसके दिन अरुणोदय काल में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है।
Chhath Puja 2021: आज से छठ महापर्व शुरू, जानें 'नहाय खाय' से लेकर 'सूर्योदय के अर्घ्य' तक सबकुछ
4 दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में विधि-विधान से पूजा करने के साथ कुछ नियमों का भी पालन करना होता है। यह व्रत जितना कठिन होता है उतने ही कड़े इसके नियम होते हैं। जानें छठ पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना जरूरी माना जाता है।
- छठ पूजा में सफाई का बहुत अधिक ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए बिना साफ-सफाई के पूजा की कोई भी चीज नहीं छूनी चाहिए।
- जो महिलाएं इस व्रत को रख रही है। वह इन 4 दिनों में पलंग या चारपाई पर न सोएं बल्कि जमीन पर चादर बिछाकर सोएं।
- सूर्य भगवान को अर्ध्य देना बहुत ही जरूरी माना जाता है। इसलिए कभी भी पूजा के लिए चांदी, स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हमेशा तांबा के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए।
- मान्यताओं के अनुसार, प्याज और लहसुन तासमिक श्रेणी में आते है। इसलिए इन 4 दिनों में इन दोनों का सेवन करने की मनाही होती है। इसलिए पूरे 4 दिनों तक सात्विक रहें।
- प्रसाद तैयार करते समय किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपने ऐसा किया तो आपका प्रसाद झूठा हो सकता है।
- जिस जगह आप छठ का प्रसाद बना रहे हैं। ध्यान रखें कि वहां पर खाना न बनता हो। इसके साथ ही मिट्टी के बने नए चूल्हे का ही इस्तेमाल करें।
- अगर आपने व्रत रखा है तो बिना सूर्य को अर्ध्य दिए जल या फिर किसी और चीज का सेवन न करें।
- पूजा के दिनों में किसी को भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए। पूजा के बाद फलों का सेवन कर सकते हैं।
- छठ महापर्व के इन 4 दिनों के दौरान किसी को अपशब्द न कहें, लड़ाई-झगड़े न करें। घर पर शांति बनाए रखें।
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