दिवाली के 6 दिन बाद छठ का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर बिहार, उत्तरप्रेदश, झारखंड में अधिक मनाया जाता है। छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। चार दिनों का महापर्व छठ शुरुआत 'नहाय खाय' से होती है। दूसरे दिन खरना होता है, वहीं छठ पूजा के तीसरे दिन अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है, चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। आज अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य देना है, आइए बताते हैं कि आपके शहर में सूर्यास्त कितने बजे होगा।
- दिल्ली- 5 बजकर 26 मिनट
- मुंबई- 5 बजकर 59 मिनट
- कोलकाता- 4 बजकर 59 मिनट
- लखनऊ- 5 बजकर 17 मिनट
- नोएडा- 5 बजकर 25 मिनट
- फरीदाबाद- 5 बजकर 25 मिनट
- पटना- 4 बजकर 59 मिनट
- गोरखपुर- 5 बजकर 04 मिनट
- वाराणसी- 4 बजकर 59 मिनट
- कानपुर- 5 बजकर 17 मिनट
- सिवान- 5 बजकर 02 मिनट
- दरभंगा- 4 बजकर 55 मिनट
संध्या को ऐसे करें सूर्य को अर्घ्य
शाम के समय सूप में बांस की टोकरी में चावल के लड्डू, ठेकुआ, मूली, शकरकंदी, सुथनी, 5 पत्तियां लगे हुए गन्ने, मूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधा, बड़ा वाला नींबू, फल जैसे नाशपाती, केला और शरीफा, पानी वाला नारियल , मिठाईयां, गेहूं, चावल का आटा, गुड़ आदि रख कर सजा लें। इसके साथ ही पूजा थाल में पान, सुपारी, चावल, सिंदूर, घी का दीपक, शहद , धूप या अगरबत्ती आदि रख लें और एक लोटे जल और दूध ले लें। इसी से भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।
चार दिन का छठ महापर्व
पहला दिन- नहाय खाय
दूसरा दिन- खरना
तीसरा दिन -सायंकालीन अर्ध्य
चौथा दिन- प्रातकालीन अर्ध्य
छठ पूजा के लिए सामग्री की लिस्ट
- छठ पूजा का प्रसाद रखने के लिए बांस की दो बड़ी-बड़ी टोकरियां
- बांस या फिर पीतल का सूप
- एक लोटा (दूध और जल अर्पण करने के लिए)
- एक थाली
- पान
- सुपारी
- चावल
- सिंदूर
- घी का दीपक
- शहद
- धूप या अगरबत्ती
Chhath Recipe: छठ पूजा का का मुख्य प्रसाद है ठेकुआ, जानिए बनाने की सिंपल विधि
- शकरकंदी
- सुथनी
- 5 पत्तियां लगे हुए गन्ने
- मूली, अदरक और हल्दी का हरा पौधा
- बड़ा वाला नींबू
- फल जैसे नाशपाती, केला और शरीफा
- पानी वाला नारियल
- मिठाईयां
- गेहूं, चावल का आटा
- गुड़
- ठेकुआ
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