Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. Chhath Puja 2020: छठ पूजा का दूसरा दिन आज, जानें क्या है खरना और व्रत विधि

Chhath Puja 2020: छठ पूजा का दूसरा दिन आज, जानें क्या है खरना और व्रत विधि

खरना के दिन व्रती अपने कुलदेवता और छठ माइया की पूजा करती हैं। इस दिन गन्ने के रस या फिर गुड़ से बनी खीर का प्रसाद भी अर्पित करते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: November 19, 2020 10:34 IST
Chhath Puja 2020: छठ पूजा का दूसरा दिन आज, जानें क्या है खरना और व्रत विधि- India TV Hindi
Image Source : INSTAGRAM/SANSKARI_ENOUGH Chhath Puja 2020: छठ पूजा का दूसरा दिन आज, जानें क्या है खरना और व्रत विधि

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी  तिथि यानी 18 नवंबर से छठ का पावन शुरू हो चुका है। छठ महापर्व का आज दूसरा दिन है। जिसे ''खरना'' नाम से जाना जाता है। आपको बता दें कि कि  पहले दिन नहाय खाय के रूप में मनाया जाता है। दिवाली के 6 दिन बाद छठ का त्योहार मनाया जाता है। यह पर्व खासतौर पर बिहार, उत्तरप्रेदश, झारखंड में अधिक मनाया जाता है। छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। जानिए खरना क्या है और पूजा विधि। 

क्या होता है खरना

महपर्व छठ के दूसरे दिन खरना होता है। जिसका मतलब होता है शुद्धिकरण। दरअसल जो व्यक्ति छठ का व्रत रखता हैं। वह पहले दिन से पूरा दिन उपवास करके केवल एक समय खाती है। वहीं दूसरे दिन तक चलता है। व्यक्ति पूरे दिन का उपवास रखता है। जिससे शरीर से लेकर मन तक शुद्ध हो जाए। इस कारण इसे खरना नाम से जाना जाता है। इस दिन शाम के वक्त गन्ने के जूस या फिर गुड़ से बनी खीर का सेवन प्रसाद के रूप में किया जाता है। जिसके बाद से व्रत करने वाले व्यक्ति को 36 घंटे के लिए निर्जला व्रत रखना होता है। 

Chhath Puja 2020: छठ महापर्व शुरू, जानिए 'नहाय खाय' से लेकर 'सूर्योदय के अर्घ्य' के बारे में सबकुछ

खरना करने की व्रत विधि

36 घंटे का व्रत तक समाप्त होता है जब उगते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया जाता है। इसलिए दिन महिलाएं शाम को स्नान करके शुद्ध-साफ वस्त्र पहन कर विधि विधान के साथ मिट्टी से बने नए चूल्हे में आम की लकड़ी जलाकर रोटी और गन्ने की रस या गुड़ की खीर बनाती है। जिसे प्रसाद के रूप में छठी मइया और भगवान सूर्य और अपने कुलदेवता को अर्पित किया जाता है। इसके अलावा प्रसाद के रूप में मूली और केला भी रखे जाते है। फिरभगवान सूर्य की पूजा करने के बाद के बाद व्रत यह प्रसाद ग्रहण करती हैं।

खरना के बाद व्रती दो दिनों तक निर्जला व्रत रखकर साधना करती है। जिसमें पूर्ण ब्रह्मचर्य का  पालन किया जाता है। इस दिन से महिलाए भूमि में सोती हैं। 

Chhath Recipe: छठ महापर्व के मौके पर इस तरह बनाएं गन्ने के रस की खीर

आज का सूर्योदय और सूर्यास्त का समय- सूर्योदय सुबह 6 बजकर 47 मिनट बजे और सूर्योस्त शाम को 5 बजकर 26 मिनट बजे पर होगा।

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement