उत्तर भारत के खास त्योहार छठ पूजा की शुरूआत 31 अक्टूबर से हो रही है। इस दिन छठी मइया छठ की पूजा के साथ-साथ भगवान सूर्य की आराधना भी की जाती है। यह व्रत संतान प्राप्ति के साथ-साथ परिवार की सलामती के लिए रखा जाता है। छठ पूजा के दौरान बहुत ही विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। छठ पूजा 31 अक्टूबर से शुरू होकर 3 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने के बाद ही समाप्त होगी। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने के साथ-साथ कई नियमों का पालन करना भी बहुत ही जरूरी होता है। यह व्रत जितना कठिन होता है उतने ही कड़े इसके नियम होते हैं। जानें छठ पूजा के दौरान किन नियमों का पालन करना है जरूरी।
- मान्यताओं के अनुसार, प्याज और लहसुन तासमिक श्रेणी में आते है। इसलिए इन 4 दिनों में इन चीजों का सेवन वर्जित माना जाता है।
- छठ पूजा में सफाई का बहुत अधिक ध्यान रखना पड़ता है। इसलिए बिना साफ-सफाई के पूजा की कोई भी चीज नहीं छूनी चाहिए।
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- जो महिलाएं इस व्रत को कर रही है। वह इन दिनों में पलंग या चारपाई पर न सोएं बल्कि जमीन पर चादर बिछाकर सोएं।
- सूर्य भगवान को अर्ध्य देना बहुत ही जरूरी माना जाता है। इसलिए कभी भी पूजा के लिए चांदी, स्टील, प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- प्रसाद तैयार करते समय खुद कुछ नहीं खाना चाहिए।
- जिस जगह आप प्रसाद बना रहे हैं। उस समय इस बात का ध्यान रखें कि वहां पर खाना न बनता हो।
- पूजा के समय हमेशा साफ-सुथरे और धुले हुए कपड़े ही पहने।
- अगर आपने व्रत रखा है तो बिना सूर्य को अर्ध्य दिए जल या फिर किसी और चीज का सेवन न करें।
- छठ व्रत के दौरान मांस-मंदिरा आदि से दूरी बनाकर रखना चाहिए।
- पूजा के दिनों में किसी को भी फलों का सेवन नहीं करना चाहिए, पूजा के बाद फलों का सेवन कर सकते हैं।
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