धर्म डेस्क: छठ पूजा उत्तर भारत में बेहद अहम त्योहार या पर्व है। चार दिनों तक होने वाले इस त्योहार को महापर्व भी कहते हैं। इस पर्व में भगवान सूर्य की उपासना और अर्घ्य देने का नियम है। इस बार छठ पूजा 4 नंवबर से शुरु होकर 7 नवंबर तक है।
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छठ पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाई जाती है। यह 4 दिन का पर्व होता है। इसके अलावा इसे चैत माह में भी मनाया जाता है। इस पर्व को मनाने की कई कहानियां प्रचलित है। जानिए इन कहानियों क बारें में।
इस दिन राम और सीता ने व्रत रख किया था सूर्य यज्ञ
राम और सीता ने भी छठ पूजा की थी। शास्त्रों के अनुसार जब भगवान श्री राम वनवास से वापस आए तब राम और सीता ने कार्तिक शुक्ल षष्ठी के दिन व्रत रख कर रखकर भगवान सूर्य की आराधना की और सप्तमी के दिन यह व्रत पूरा किया। इसके बाद राम और सीता ने पवित्र सरयू के तट पर भगवान सूर्य का अनुष्ठान कर उन्हें प्रसन्न किया और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया था।
कौरवों से राजपाठ वापस पाने के लिए किया था द्रौपदी ने व्रत
महाभारत की द्रोपदी ने भी इस व्रत को रखा था। शास्त्रों के अनुसार जब पांडव अपना पूरा राजपाठ कौरवों से जुए में हार गए थे और वह जंगल-जंगल भटक रहे थे। यह सब द्रौपदी से देखा न गया और उसने छठ पूजा की और व्रत रखा। जिसके प्रभाव के कारण पांडवों को अपना खोया हुआ राज वापस मिल गया था।
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