कोणस्थ
पिंगल
बभ्रु
कृष्ण
रौद्रान्तक
यम
सौरि
शनैश्चर
मंग
पिप्लाद
- किसी भी पूजा को करने से पहले स्नान करना बहुत जरूरी होता है। इसलिए सुबह उठते ही स्नान करें।
- शनिदेव के मंदिर में जाएं और घी का दिया जलाएं।
- दिया जलाने के बाद ध्यान रखें कि दिया पूजा समाप्त होने तक जलता रहे।
- भगवान शनि को नीले फूल बहुत पसंद हैं। इसलिए उन्हें नीले रंग के फूल की अर्पित करें।
- अब रुद्राक्ष की माला लें और मंत्र का जाप करें।
- रूद्राक्ष की कम से कम 5 माला का जाप करें।
शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने के अलावा मंत्रों का भी जाप करना चाहिए। मंत्रों का जाप करना कल्याणकारी और दुख निवारक होगा। जानिए शनिदेव के 5 मंत्रों के बारे में...
ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:
सौरि: शनैश्चरो मंद: पिप्पलादेन संस्तुत: