- सुखासन में बैठकर चालीस मिनट रोजाना ऊं का जप किया जाए तो सात दिन में ही अपनी प्रकृति में बदलाव आता महसूस होने लगता है। छह सप्ताह में तो पचास प्रतिशत तक बदलाव आ जाता है। ये लोग उन दो प्रतिशत लोगों में शुमार हो जाते हैं , जो संकल्प कर लें तो अपने से पचास गुना ज्यादा लोगों की सोच और व्यवहार में बदलाव ला सकते हैं।
- सुखासन में बैठकर मंत्र को मन में लगातार जप करने से से कामयाबी पाने लगते है। वे लक्षण यह है कि मंत्र जिस देवता की आराधना में है, उसकी विशेषताएं साधक में दिखाई देने लगती हैं।
- दार्शनिक पाल ब्रंटन ने अपनी पुस्तक इन द सर्च ऑफ सीक्रेट इंडिया में उन साधु संतों के बारे में और उनकी साधना विधियों के बारे में लिखा है। पाल ब्रंटन ने लिखा है कि सिद्धों और चमत्कारी साधुओं की शक्ति सामथ्र्य का रहस्य बहुत कुछ उनके स्थिरता पूर्वक बैठने में था।