दुस्साहसी महिला
आचार्य के अनुसार जो स्त्री किसी पुरुष से ज्यादा दुस्साहसी होती हैं। वह कुछ भी करती है। जिसके बारें में आप कल्पना में भी नहीं सोच सकती है। वह काम आसानी से वह काम कर सकती हैं। अगर कोई पुरुष किसी काम को शुरु करने जा रहा है, तो उससे पहले वह सौ बार सोचेगा।
साथ ही वह किसी न किसी की सलाह लेगा, लेकिन इसका उल्टा अगर कोई महिला किसी काम को करने के बारे में सोचती नहीं हैं। जिसके कारण वह बाद में कई परेशानियों मे घिर जाती है। इसलिए दुस्साहसी महिलाओं को कोई भी काम करने से पहले एक बार जरुर सोचना चाहिए। साथ ही ऐसी महिलाओं से दूर रहना चाहिए। जिससे आप किसी परेशानी में न फंसे।
शराबी व्यक्ति
कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति नशा कर लेता है, तो उसकी सोचने-समझने की शक्ति खत्म हो जाती हैं। जिसके कारण वह कब क्या बोल दें और क्या कर दें। इससे उसको आभास भी नहीं होता हैं। और वह हर मर्यादाओं को भूल जाता हैं।
इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। जिससे कि आपको किसी परेशानियों का सामना न करना पडे। क्योंकि वह व्यक्ति आपको कोई भी शब्द बोल सकता है। जिसका आपका आत्मसम्मान में ठेस पहुंच सकती हैं। इसलिए ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए।
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