आज साल दूसरा चंद्र ग्रहण है। यह उपच्छाया ग्रहण रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा जो 6 जून की सुबह 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। शास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। जिसके बाद कोई भी शुभ काम करने की मनाही होती हैं। धर्म स्थलों के भी कपाट बंद कर दिए जाते हैं। सूतक ग्रहण समाप्ति के बाद ही धर्म स्थलों को पवित्र करके दर्शन किए जाते है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल में मंदिर के पट बंद हो जाते है। इस समय पूजा पाठ करना अशुभ माना जाता है। ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को किस तरह रहना चाहिए इसको लेकर हर किसी के मन में कई सवाल होते हैं। जानिए इसके बारे में आचार्य इंदु प्रकाश से।
क्या है सूतक काल?
सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है। जिसमें किसी भी शुभ काम करने की मनाही होती है। जहां चंद्र ग्रहण के दौरान 9 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाता है। वहीं सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे हले शुरू हो जाता है।
कल होगा साल का दूसरा चंद्र ग्रहण, जानिए जानें कब कहां और कैसे देखें लाइव स्ट्रीमिंग
चंद्र ग्रहण के सूतक का समय
रात 11 बजकर 16 मिनट से शुरू होगा जो 6 जून की सुबह 2 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। जिसके साथ ही चंद्र ग्रहण की अवधि 3 घंटे 18 मिनट है। इस बार चंद्र ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होने की वजह से सूतक काल का प्रभाव कम रहेगा। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार चन्द्रग्रहण का सूतक ग्रहण प्रारम्भ होने के 9 घंटे पहले लग जाता है। जिसके कारण आज दोपहर 2 बजकर 15 पर शुरू हो गया है।
गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के समय क्या करें और क्या नहीं
शास्त्रों के अनुसार सूतक के के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जानिए आचार्य इंदु प्रकाश से इसके बारे में विस्तार से।
- गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाएं अपने लंबाई के बराबर एक कुश लें। यदि कुश न हो तो कोई सीधा डंडा लेकर उसे कोने में खड़ा कर दें। इससे यदि वह ग्रहण में बैठना या लेटना चाहें तो लेट सकेंगी।
- गर्भवती महिलाओं के साथ अन्य लोगों को भी सुई में धागा नहीं डालना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि ग्रहण के समय चंद्रमा की पड़ने वाली रोशनी बच्चे के स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है।
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- ग्रहण के समय कुछ काटना, छीलना, छौंकना या बघारना नहीं चाहिए।
- ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए ।
- सूर्य ग्रहण लगने से कई घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढक देना चाहिए। पूजा-पाठ करना चाहिए
- जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाए तब उस कपड़े और अनाज को आदरसहित किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
- सूतक के दौरान भी नहाना चाहिए और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहाना जरूरी होता है।
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही कुछ भी खाने से बचना चाहिए।
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