Chandra Grahan 2019: शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण का सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। जिसके साथ भी कोई भी शुभ काम करने के अलावा मंदिरों की पूजा होना बंद हो जाती है। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 31 मिनट से सूतक शुरू होगा। वहीं ग्रहण 1:32 मिनट पर शुरु होकर सुबह 4:30 तक रहेगा। ग्रहण की अवधि दो घंटे अठावन मिनट रहेगा।
सूतक ग्रहण समाप्ति के बाद ही धर्म स्थलों को पवित्र करके दर्शन किए जाते है। चंद्र ग्रहण के सूतक काल में मंदिर के पट बंद हो जाते है। इस समय पूजा पाठ करना अशुभ माना जाता है।
चारधाम के कपाट होगे बंद
बद्रीनाथ केदारनाथ धाम में कपाट मंदिर समिति के अनुसार 16 जुलाई को अपराह्न 4:25 मिनट पर बंद हो जाएंगे। बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी एनपी जमलोकी एवं मीडिया प्रभारी डॉ हरीश गौड़ ने बताया कि इसके लिए अपराह्न 3:15 मिनट पर मंगल आरती होगी। 3:45 बजे भोग और शयन आरती होगी। सूतक काल में सभी प्रकार के दर्शन बंद रहेंगे। बुधवार 17 जुलाई को रात 1 बजकर 31 मिनट से सुबह 4 बजकर 31 मिनट तक 3 घंटे का चंद्रग्रहण है। 17 जुलाई को सुबह 4:40 बजे बदरीनाथ धाम की घंटी बजेगी। सुबह 6 बजे अभिषेक पूजा होगी। बाकि पूजा यथावत चलेगी।
गंगोत्री धाम के तीर्थ पुरोहित एवं गंगोत्री मंदिर समिति सह सचिव राजेश सेमवाल ने बताया कि 16 जुलाई की शाम 3:45 मिनट पर गंगा आरती होगी। ठीक 4 बजे राजभोग लगेगा। इसके बाद 4:10 पर कपाट बंद होंगे। 17 जुलाई की भोर में मंगला आरती 5:45 मिनट पर होगी। इसके बाद ही मंदिर का कपाट सामान्य दर्शनार्थियों के लिए खुलेंगे।
गुरू पूर्णिमा पर सूर्य की कर्क संक्रांति और खग्रास चंद्रग्रहण का संयोग हमारी राशियों पर कुछ ना कुछ असर ज़रूर डालेगा। ऐसा 149 साल बाद हो रहा है। जब गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण पड़ रहा है।
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