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Chandra Grahan 2018: यह चंद्रग्रहण कई मायनों में खास है इसके अच्छे परिणाम के साथ-साथ कई दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। चंद्रग्रहण के समय चन्द्रमा मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में स्थित रहेगा। यह ग्रहण अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी भाग को छोड़कर सम्पूर्ण रुस में, एशिया, अफ्रीका,मध्य एवं पूर्वी दक्षिण अमेरिका के मध्य एवं पूर्वी भाग में दिखेगा। आज आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन खग्रास चन्द्रग्रहण है। जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा क्रमशः एक ही सीध में होते हैं या चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है, तब चन्द्रग्रहण लगता है और अबकी बार चन्द्रमा पूर्ण रूप से पृथ्वी की प्रच्छाया से ढका हुआ रहेगा। जानिए किस मंत्र का जाप करना होगा शुभ।चंद्रग्रहण का समय
इस चन्द्रग्रहण का स्पर्श काल आज रात 11:54 पर होगा। इसका मध्य काल रात 01:51 पर होगा और इसका मोक्ष काल रात 03:49 पर होगा। अतः इस ग्रहण का पर्वकाल 03 घंटे 55 मिनट का होगा, जबकि इसका सूतक आज दोपहर 02:54 पर शुरू हो जायेगा। चन्द्रग्रहण का सूतक ग्रहण प्रारम्भ होने के 09 घंटे पहले लग जाता है।
ग्रहण के सूतक के दौरान कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। ग्रहण के दौरान चारों तरफ निगेटिविटी बहुत अधिक फैल जाती है, जिसका असर ग्रहण प्रभावित क्षेत्रों में रह रहे लोगों पर भी पड़ता है। इसलिए सूतक लगने पर घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए। इसके अलावा ग्रहण के समय अन्य किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ये भी हम आपको बतायेंगे
- ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, खासकर कि खाना नहीं बनाना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए।
- सुई में धागा नहीं डालना चाहिये।
- कुछ छीलना, काटना नहीं चाहिये।
- कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिये।
इसके बजाय पूजा-पाठ करना चाहिए और चन्द्रदेव के मंत्रों का तेज आवाज़ में उच्चारण करना चाहिए। चन्द्रदेव के मंत्र इस प्रकार हैं-
"ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
‘ऊँ ऐं ह्रीं सोमाय नमः।‘
इस मंत्र का जाप करने से आपके आस-पास निगेटिविटी नहीं रहेगी। इसके अलावा आज के दिन आपको अपने ईष्ट देव का ध्यान करना चाहिए। साथ ही विश्वेदेवों का ध्यान करना चाहिए।
विश्वेदेवो में दस देवता सम्मिलित हैं-
इनमें इन्द्र, अग्नि, सोम, त्वष्ट्रा, रुद्र, पूखन् विष्णु, अश्विनी, मित्रावरूण और अंगीरस शामिल
हैं। आज के दिन इन सबका मंत्रों के साथ इस प्रकार ध्यान करना चाहिए-
ऊँ इन्द्राय नमः।
ऊँ अग्नये नमः।
ऊँ सोमाय नमः।
ऊँ त्वष्ट्राय नमः।
ऊँ रुद्राय नमः।
ऊँ पूखनाय नमः।
ऊँ विष्णुवे नमः।
ऊँ अश्विनीये नमः।
ऊँ मित्रावरूणाय नमः।
ऊँ अंगीरसाय नमः।
इन मंत्रों के जाप के साथ ही ग्रहण के सूतक के दौरान थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा, हो सके तो सफेद रंग का कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाये तब उस कपड़े और अनाज को आदर सहित, रिक्वेस्ट के साथ किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको चन्द्रदेव के शुभ फल प्राप्त होगा।