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MUST READ: घरेलू हिंसा से प्रभावित लोगों में सुसाइड करने के चान्स ज़्यादा

एक रिसर्च में मालूम हुआ कि घरेलु हिंसा से प्रभावित लोगो में आत्महत्या की प्रवृति ज्यादा होती है। बचपन में ही माता पिता की होने वाली घरेलू हिंसा को देखने वाले लोगों में आत्महत्या करने की कोशिश का डर उनसे ज्यादा होता है, जिन्होंने ऐसा नहीं देखा होता।

India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 17, 2016 18:46 IST
domestic violence- India TV Hindi
domestic violence

नई दिल्ली: एक रिसर्च में मालूम हुआ कि घरेलु हिंसा से प्रभावित लोगो में आत्महत्या की प्रवृति ज्यादा होती है। बचपन में ही माता पिता की होने वाली घरेलू हिंसा को देखने वाले लोगों में आत्महत्या करने की कोशिश का डर उनसे ज्यादा होता है, जिन्होंने ऐसा नहीं देखा होता।

टोरंटो विश्वविद्यालय की इस्मे फुलर थॉमसन ने अपनी रिसर्च में बताया कि हमें उम्मीद थी कि माता-पिता के बीच लंबे समय तक चली घरेलू हिंसा और फिर बाद में आत्महत्या की कोशिशों पर बच्चों का शारीरिक उत्पीड़न या उनकी मानसिक बीमारी पर गहरा असर डालेगा।

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लेकिन जब इन कारणों पर ध्यान दिया गया तो पता चला कि, बचपन में माता-पिता के बीच पुरानी घरेलू हिंसा को देख कर बड़े हुए बच्चे दोगुने से भी ज्यादा आत्महत्या की कोशिश कर चुके थे। यह अध्ययन कनाडा के एक राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व वाले सैंपल से किया गया है जिसमें 22 हजार 559 घरों का सैंपल शामिल किया गया था।

इसमें 2012 के कनाडियन कम्युनिटी हेल्थ सर्वे मेंटल हेल्थ के आंकड़े इस्तेमाल किए गए हैं। माता पिता की घरेलू हिंसा को तब पुराना कहा जाएगा जब बच्चे की 16 साल की उम्र से पहले ही 10 बार ऐसा देख चुके हो। रिसर्च से पता कि जिन लोगों ने बचपन में घरेलू हिंसा देखी उन युवाओं के जीवन में आत्महत्या की प्रवृत्ति 17 फीसदी से भी ज़्यादा पार्इ गर्इ है।

जबकि जिन लोगो ने ऐसा नही देखा उनमें ऐसी प्रवृत्ति केवल दो पर्सेंट ही होती है। फुलर थॉमसन ने कहा कि जब घर में घरेलू हिंसा पुरानी हो तो बच्चों में दीर्घकालिक नैगेटिव रिज़ल्ट्स आने का खतरा बना रहता है।

फुलर ने आगे कहा है इस तरह घर के नैगेटिव माहौल की लंबी काली छाया पड़ती है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े पेशेवरों को अनिवार्य रूप से ऐसी घरेलू हिंसा को रोकने के लिए सतर्कता बरतने और इस तरह के माहौल से निकले लोगों को और उनके बच्चों की सहायता करने की जरूरत है।

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