आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार होनी पर आधारित है। यानी कि जो होना किस्मत में लिखा है वो हो के रहेगा।
'होनी को नहीं टाला जा सकता है। होनी होकर ही रहती है। होनी के वक्त वैसा ही अनुकूल वातावरण बन जाता है, हमारी बुद्धि भी उसके अनुसार ही कार्य करने लगती है।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि जिंदगी में जो लिखा है वो हो के रहेगा। आप लाख कोशिश क्यों ना कर लें उसे बदलने की या फिर रोकने की लेकिन जो किस्मत में लिखा जा चुका है उसका होना अटल है।
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असल जिंदगी में कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य चाह के भी उन चीजों को होने से रोक नहीं पाता जिन्हें वो होता हुआ देखना नहीं चाहता। ये चीजें किसी अपने के दूर होने से संबंधित हो सकती हैं, किसी से अपना रिश्ता टूटना या फिर लाख कोशिश के बावजूद आपका किसी से मन मुटाव होना। हालांकि इन मन मुटाव को रोकना इन सभी चीजों में ऐसा है जिसे आप चाहे तो रोक सकते हैं। लेकिन ऐसा करने में भी आप असफल हो सकते हैं। इसके पीछे की वजह आपकी बुद्धि का उसी तरह से सोचना और आपका उसी के अनुसार रिएक्ट करना है।
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अब बात करते हैं रिश्तों की। कई बार आप चाहते हैं कि सामने वाले से आपका रिश्ता हमेशा बना रहे। लेकिन अगर ऐसा होना आपकी किस्मत में नहीं लिखा है तो उसे टाला नहीं जा सकता। हो सकता है कि आप उस वक्त अपने रिश्ते को बचाने की लाख कोशिश कर लें। अपने में बदलाव भी ले आएं लेकिन सामने वाला भी ऐसा ही करें ये संभव नहीं है। हो सकता है कि वो भी अपने रिश्ते को बचाने के लिए खुद में कुछ बदलाव करें। लेकिन उसके ये सारे प्रयास एक समय बाद निर्थक ही साबित होंगे। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि होनी को नहीं टाला जा सकता है। होनी होकर ही रहती है। होनी के वक्त वैसा ही अनुकूल वातावरण बन जाता है, हमारी बुद्धि भी उसके अनुसार ही कार्य करने लगती है।