आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार अस्थिर मन वाले की सोच पर आधारित है।
किसी पर भी भरोसा करने से पहले जान लें 3 बातें, कभी नहीं खाएंगे धोखा
"अस्थिर मन वाले की सोच स्थिर नहीं रहती।" आचार्य चाणक्य
इस कथन में आचार्य चाणक्य कहना चाहते हैं कि जिस व्यक्ति का मन एक जगह स्थिर नहीं रहता उसकी सोच भी बदलती रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा व्यक्ति अपने मन से मजबूत नहीं होता। वो पल भर में अपनी किसी भी विषय पर सोच बदलता रहता है। यानी कि पल में वो कुछ सोचते हैं और दूसरे ही पल उनकी सोच बदल जाती है। ऐसे व्यक्ति का मन अस्थिर होता है।
Chanakya Niti: बनना चाहते हैं बुद्धिमान तो ध्यान रखें 3 बातें
ऐसे अस्थिर मन वाले व्यक्ति को जीवन में कई मुसीबतों का भी सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि आपने किसी व्यक्ति से कोई बात कही, सामने वाला आपकी बात से सहमत हो गया। दूसरे दिन जब आप उस व्यक्ति से मिले तो इस मामले में आपके समक्ष वो नई सोच के साथ मिला। आप जैसे-तैसे उसकी बात से सहमत हुए। फिर अगले दिन आपका उससे सामना एक नई सोच के साथ हुआ। ऐसा होने पर सबसे पहले तो व्यक्ति सामने वाला का विश्वास खोता है।
इसके साथ ही वो दूसरों के सामने कई बार हंसी का पात्र भी बन जाता है। क्योंकि ऐसे व्यक्ति की ना केवल जग हंसाई होती है बल्कि उस पर यकीन करना भी मुश्किल हो जाता है। इस तरह के व्यक्ति पर कभी भी भरोना ना करें। ऐसा करने में ही आपकी भलाई है। इसी कारण आचार्य चाणक्य ने कहा है कि अस्थिर मन वाले की सोच स्थिर नहीं रहती।