Monday, November 18, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. जीवन मंत्र
  4. दूसरों के सामने इस तरह का व्यवहार करने वाले मनुष्य की हमेशा होती है निंदा

दूसरों के सामने इस तरह का व्यवहार करने वाले मनुष्य की हमेशा होती है निंदा

खुशहाल जिंदगी के लिए आचार्य चाणक्य ने कई नीतियां बताई हैं। अगर आप भी अपनी जिंदगी में सुख और शांति चाहते हैं तो चाणक्य के इन सुविचारों को अपने जीवन में जरूर उतारिए।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: December 05, 2020 7:59 IST
Chanakya Niti-चाणक्य नीति- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Chanakya Niti-चाणक्य नीति

आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भरे ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार दूसरों के दोषों को सभी के सामने गिनाने से संबंधित है। 

'सभा में जो दूसरे लोगों के व्यक्तिगत दोषों को दिखाता है। वो वास्तव में अपने दोष को दिखाता है।' आचार्य चाणक्य 

आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो सभी के सामने दूसरे के दोषों को दिखाता है वो असल में अपने दोषों को दिखाता है। असल जिंदगी में अक्सर किसी ना किसी व्यक्ति को इस चीज का एक्सपीरियंस जरूर होगा। उदाहरण के तौर पर लड़ाई एक ऐसी चीज है जो सभी की किसी ना किसी से किसी चीज पर जरूर हुई होगी। फिर वो लड़ाई चाहे आपके भाई बहनों से हुई हो या फिर दोस्तों से। लड़ाई इंसान तभी करता है जब किसी की कोई चीज बुरी लगी हो या फिर आप किसी से खफा हो। दोनों ही सूरतों में गुस्सा आना लाजमी है। 

इस कार्य को करते वक्त मनुष्य को रहना चाहिए सतर्क, वरना हो जाएगी जग हंसाई

अक्सर लोग कहते हैं गुस्से में इंसान वही बातें कहता है जो उसके दिल के किसी कोने में हों। कई बार तो गुस्से में लोग अपना आपा भी खो देते हैं और सामने वाले को खरी खोटी सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। इस दौरान कुछ लोग अपने मन की भड़ास भी निकालते हैं। अगर आप जिससे लड़ रहे हैं उसे आप जानते हों तो उसकी कमियों को गिनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यहां तकि कि आप उसे अभी से लेकर पुरानी बातों को लेकर सुनाना शुरू करते हैं। ऐसा करके उस वक्त जो सुना रहा होता है उसके दिल को तसल्ली मिलती है लेकिन ऐसा करके आप दूसरों की निगाह में हमेशा के लिए गिर जाते हैं। 

ऐसा इसलिए क्योंकि जो व्यक्ति कई लोगों के सामने आपको सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा वो अच्छा इंसान ही नहीं है। उस वक्त व्यक्ति को लगता है कि हमने सुना कर सामने वाले की जग हंसाई करवा दी। लेकिन असल में होता है इसके ठीक उल्टा है। ऐसा करके आप उस व्यक्ति कि असलियत नहीं बल्कि अपने दिल का मैल लोगों के सामने रखते हैं। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि सभा में जो दूसरे लोगों के व्यक्तिगत दोषों को दिखाता है। वो वास्तव में अपने दोष को दिखाता है।

 

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement