आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने नीयत और नजरों के बारे में बताया है।
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'इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज नहीं बदलती जितनी जल्दी इंसान की नीयत और नजरें बदल जाती हैं।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य ने इस कथन में उन 2 चीजों के बारे में बताया है जो इंसान सबसे जल्दी बदलता है। ये दो चीजें हैं- नीयत और नजरें। इन दोनों के बारे में एक-एक करके डिटेल में बताएंगे।
पहला है-इंसान की नीयत। किसी भी इंसान की नीयत कब और कैसे बदल जाए ये नहीं कहा जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपके सामने वाला व्यक्ति किसी चीज को खा रहा है तो हो सकता है उस वक्त आपका वो खाने का मन ना हो। लेकिन हो सकता है कि कुछ देर बाद सामने वाले व्यक्ति को देखकर आपका उस चीज को खाने का मन बदल जाए। यानी की इंसान की नीयत का भरोसा करना मुश्किल होता है। इसी को आप पैसों को लेकर भी कह सकते हैं। अगर आपने किसी को पैसे उधार दिए हैं तो आपने मन में ये विश्वास कहीं ना कहीं होगा कि वो आपको पैसा वापस कर देगा। लेकिन हो सकता है कि सामने वाला आपका पैसा वापस भी कर दें। लेकिन उसकी नीयत में बदलाव भी आ सकता है। हालांकि इस बदलाव को कई लोगों ने असल जिंदगी में अनुभव भी किया होगा।
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दूसरा है- नजरें। इंसान की नजरें किसी के प्रति कब बदल जाए ये कहना मुश्किल है। हो सकता है कि सामने वाला व्यक्ति आपको बहुत पसंद हो। लेकिन अचानक वो कोई ऐसा काम कर दे, जिसकी आपको उम्मीद ना हो। ऐसे में आपकी नजरें बदल सकती हैं। हो सकता है कि जिस व्यक्ति को आप सम्मान के साथ देखते हों। बाद में आप उसे घृणा की नजर से देखें। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज नहीं बदलती जितनी जल्दी इंसान की नीयत और नजरें बदल जाती हैं।