आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार भले ही आपको थोड़े कठोर लगे लेकिन ये कठोरता ही जीवन की सच्चाई है। हम लोग भागदौड़ भरी जिंदगी में इन विचारों को भले ही नजरअंदाज कर दें लेकिन ये वचन जीवन की हर कसौटी पर आपकी मदद करेंगे। आचार्य चाणक्य के इन्हीं विचारों में से आज हम एक और विचार का विश्लेषण करेंगे। आज के विचार में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि पैसा सिर्फ आपकी हैसियत बदल सकता है।
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'पैसा हैसियत बदल सकता है लेकिन औकात नहीं।' आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है ये जरूरी नहीं है कि सामने वाले के पास ज्यादा पैसा है तो उससे औकात भी बदल जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि पैसे से आप अपनी हैसियत तो बदल सकते हो लेकिन अपनी सोच नहीं। हालांकि लोग इस चीज को भूल जाते हैं।
असल जिंदगी में आपका सामना कई तरह के लोगों से होता है। कई बार लोगों को अपने से ज्यादा पैसे वालों को देखकर ऐसा लगता है कि वो अच्छी सोच के भी होंगे। लेकिन ऐसा जरूरी है, वो इस बात को भूल जाते हैं। पैसा आने पर आप अपने लिए सारी सुख सुविधाएं इकट्ठा कर सकते हैं। अपना पहनावा बदल सकते हैं। लेकिन सोच एक ऐसी चीज है जिसे इंसान पैसों की बदौलत बदल नहीं सकता।
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कोई भी इंसान तभी अमीर होता है जब उसकी सोच अच्छी होती है। अगर आपकी सोच अच्छी है तो आप लोगों द्वारा सराहे जाओगे। आपसे हर कोई बात करना पसंद करेगा। आपकी चारों तरफ तारीफ होगी। लेकिन अगर आपके पास सिर्फ पैसा है लेकिन सोच अच्छी नहीं है तो लोग आपसे ज्यादा दिन तक बात नहीं कर पाएंगे। इसी वजह से आचार्य चाणक्य ने कहा है कि पैसा हैसियत बदल सकता है लेकिन औकात नहीं।